उत्तराखंड में विकास प्राधिकरण जल्द होंगे खत्म
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने लोगों की इस पीड़ा को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के सामने रखा। बंशीधर के अनुसार, प्राधिकरण जल्द खत्म होंगे।
भाजपा सरकार में गठित जिला विकास प्राधिकरण पहाड़ में लोगों की परेशानी की वजह बनते जा रहे हैं। इन प्राधिकरणों के चलते लोगों को मकान एवं दुकान का नक्शा पास करवाने के लिए जूझना पड़ रहा है।
भगत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को ज्ञापन दिया, जिसमें यह कहा गया कि, जिन जिलों में प्राधिकरण गठित किए गए थे, उन्हें समाप्त कर दिया जाना चाहिए। क्योंकि ये प्राधिकरण अपने उद्देश्य में खरे नहीं उतर पा रहे हैं। उल्टा, इनसे जनता के सामने ही नई परेशानी खड़ी हो गई है।
भगत ने यह भी बताया कि पिछले दिनों उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही जनसामान्य ने इस पीड़ा को उनके सामने रखा और कहा कि प्राधिकरणों के गठन से जहां आम लोगों के नक्शे पास होने में वक्त लग रहा है, वहीं भ्रष्चाटार की भी शिकायतें मिल रही हैं।
कहीं भी ये प्राधिकरण आम जनता की अपेक्षाओं पर बिल्कुल खरे नहीं उतर पाए। भगत ने साफ कहा कि पहाड़ में जो काम, लोग पहले आसानी से करा लेते थे, अब उसे विषम बना दिया गया है।
उन्होंने भी यह अनुभव किया है कि ऐसे प्राधिकरणों का कोई औचित्य नहीं होना चाहिए। इसकी बजाय राज्य सरकार को जनहित में जन कल्याणकारी व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए। भगत ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस मुद्दे को गंभीरता से सुना और समुचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।
यहां बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से गठित कमेटी भी इन प्राधिकरणों को भंग करने की सिफारिश कर चुकी है। कमेटी का कोई भी सदस्य ऐसे प्राधिकरणों के पक्ष में नहीं है। कमेटी के सदस्यों का भी मानना है कि प्राधिकरण के चलते लोगों के सामने मुसीबतें बढ़ी हैं।