धार्मिक स्थलों पर चढ़ेगा देवभूमि का देवभोग, प्रसाद में चौलाई के लड्डू और मंडवा की बर्फी
हरिद्वार के कई बड़े मंदिरों, अखाड़ों पर वर्षों से चढ़ते आ रहे परमल और इलायची दाने की जगह अब जल्द ही उत्तराखंड के पारंपरिक अनाज चौलाई का लड्डू और मंडुवे की बर्फी ले लेगी। कुंभ खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। भगवान को चढ़ने वाले प्रसाद को पूरी तरह से शुद्ध और स्वच्छ बनाने की यह पहल है। इससे जहां उत्तराखंड के पारंपरिक प्रसाद देश-दुनिया तक पहुंचेगा, वहीं इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने की पहल कुंभ के दौरान भी हरिद्वार में दिखाई देगी। यहां के धार्मिक स्थलों के साथ हरकी पैड़ी के आसपास प्रसाद के रूप में चौलाई के लड्डू और मंडुवे की बर्फी देने की तैयारी है। प्रसाद की इस नई व्यवस्था के लिए कई मंदिरों, अखाड़ों और दुकानदारों ने सहमति जता दी है। इस प्रसाद को देवभूमि का देवभोग के रूप में प्रचारित किया जाएगा। इस प्रसाद को आगामी 17 फरवरी तक लॉन्च करने की तैयारी है।
इस भोग पहल की नई शुरुआत से लोगों को शुद्ध और अच्छी क्वालिटी का प्रसाद मिल सकेगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन का कहना है कि जिस तरह तिरुपति बालाजी सरीखे बड़े धार्मिक स्थलों पर जैसे तिरुपति का लड्डू मशहूर है और वहां पर प्रसाद के रूप में वही दिया जाता है, इसी तरह हरिद्वार में भी पहल की जा रही है। इसके तहत स्थानीय लोगों को साथ जोड़कर प्रसाद का एक ब्रांड विकसित किया जा रहा है। इसके लिए कई स्वयं सहायता समूहों, मंदिर ट्रस्ट, स्थानीय दुकानदारों से वार्ता हो चुकी है जो इसमें सहयोग करने के लिए तैयार हैं।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी कुंभ आरएस रावत का कहना है कि इस नई पहल को शुरू करने का कुंभ से अच्छा मौका कोई दूसरा नहीं है। इस दौरान देश दुनिया से लोग कुंभ स्नान में आते हैं और इस नई प्रसाद परंपरा को साथ लेकर जाएंगे। इस नई पहल से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य के लाभकारी प्रसाद मिलने के साथ स्थानीय वस्तुओं को भी बढ़ावा मिलेगा। ये अपनी तरह की एक अनूठी पहल है।