देहरादून। पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक की सियासत में चल रहे नाटक का अन्त शनिवार शाम को हो गया। बहुमत साबित न कर पाने के कारण भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इस दौरान वे रोते हुए भी नजर आये। कर्नाटक में भाजपा सरकार के औंधे मुंह गिरने पर सोनिया गांधी विचार मंच के राष्ट्रीय महासचिव इमरान अहमद ने मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि कर्नाटक में येदियुरप्पा का इस्तीफा लोकतंत्र की जीत है।
उन्होंने कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन पर दोनों दलों को बधाई देते हुए कहा कि आखिर सत्य की जीत हुई। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम से जाहीर होता है कि देश में अब भी लोकतंत्र जिन्दा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने न्यायपालिका, देश के संविधान और लोकतंत्र को ताक पे रखकर तानाशाही करते हुए येदियुरप्पा को सीएम बनाया और अपनी सरकार बनायी मगर ये तीन दिन से ज्यादा नहीं चल सकी।
उन्होंने कहा कि अन्त में सत्य की ही जीत हुई। इमरान अहमद ने कहा कि भाजपा साम-दाम और हर तरह के हथकंडे अपनाकर देश पर तानाशाही करते हुए कब्जा करना चाहती है। कर्नाटक का घटनाक्रम उसका ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही भाजपा मणिपुर, गोवा और बिहार जैसे राज्यों में भी कर चुकी है।
इमरान अहमद ने भाजपा और उसके शीर्ष नेताओं को चेताते हुए कहा कि जनता सब कुछ साफ देख रही है, जिसमें भाजपा का चरित्र बिल्कुल साफ नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी भी समय है भाजपा सबक ले ले। बाकी आने वाले लोकसभा चुनाव में देश की जनता तो उसे सबक सिखा ही देगी।