जम्मू। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक नए विवाद को जन्म देते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आजाद और सरदार पटेल पर भारत के ‘विभाजन’ का आरोप लगाया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कल यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को विभाजन के आरोप से मुक्त किया।
उन्होंने कहा, हमारे पास उस आयोग के रिकॉर्ड हैं जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि हम भारत का विभाजन नहीं करेंगे और मुस्लिमों और सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लिए विशेष प्रतिनिधित्व की व्यवस्था होगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, जिन्ना इस पर सहमत हो गए थे लेकिन नेहरू, आजाद और पटेल ने यह बात नहीं स्वीकारी।
इसके बाद ही जिन्ना के द्वारा पाकिस्तान की स्थापना की गई। इस टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेकां प्रमुख को फिर से उपमहाद्वीप का इतिहास पढ़ना चाहिए।