देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा विभाग को एक और निर्देश दिया है। इस निर्देश में कहा गया है कि स्कूल की दीवारों पर वैदिक मंत्र लिखा जाए, साथ ही ये भी निर्देशित किया गया है कि सुबह की प्रार्थना में गायत्री मंत्र और मिड डे मील से पहले भोजन मंत्र पढ़ना होगा। शिक्षा मंत्री के निर्देश के तहत स्कूलों में मंत्र लिखने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रार्थना में गायत्री मंत्र और भोजन मंत्र लागू किए जाने को लेकर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि ज्ञान बढ़ने से किसी का नुकसान नहीं होता है। इसे धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
शिक्षामंत्री के इस बयान के बाद अब प्रदेश में विवाद गर्मा गया है। इसी ताज़ा मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मीडिया को जारी अपने बयान में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव आज़ाद अली ने कहा कि शिक्षा में भोजन मंत्र का फरमान जारी करके भाजपा के शिक्षा मंत्री ने अपनी पार्टी के तानाशाही रवैये का उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रहते हैं, ऐसे में किसी एक धर्म विशेष को बढ़ावा देकर भाजपा सरकार जनता को बांटने का काम कर रही है।उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे को शिक्षा को धर्म से जोड़ने का कोई अधिकार नही है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि क्या देश के प्रधानमंत्री का जुमलों से औऱ राज्य के मंत्री का मंत्रो से क्या विकास हो पायेगा।
आज़ाद अली ने कहा कि भाजपा मुसलमान, जैन, सिख, और ईसाई धर्म के लोगों की पीठ पर वार कर दोबारा सत्ता में नही आ सकती। उन्होंने कहा कि नाक़ाम भाजपा और शिक्षा विभाग स्कूलों में मंत्रो के गान से प्रदेश में दूषित राजनीति का माहौल ना बनाये। उन्होंने कहा कि मुसलमानों, सिख, ईसाइयों और जैनियो को परेशान करने के लिये राज्य की भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में मंत्रो का ये नाटक करने का फ़ैसला लिया है