दीपक ने बताया कि फिल्म में उनका किरदार गोपी बंसल घसीटे राम का है। जबकि इरफान का किरदार चंपक बंसल घसीटे राम का है। दोनों आपस में रिश्ते के भाई हैं। पर दोनों के बीच लव-हेट का रिश्ता है। दोनों की मिठाई की दुकानें अगल-बगल हैं। दोनों ग्राहकों को अपने-अपने ढंग से पटाते हैं और यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि असली वाली दुकान उसकी है, जबकि दूसरा घसीटेराम नकली है। दोनों के बीच अभिनय की बेहतर जुगलबंदी से फिल्म की कहानी खिल उठी है। दीपक का कहना है कि यह एक इमोशनल कॉमेडी फिल्म है। दोनों की तकरार भी देखने लायक है और प्यार भी। दोनों के बीच व्यावसायिक लड़ाई है।
पौड़ी गढ़वाल निवासी जाने-माने अभिनेता दीपक डोबरियाल और इरफान अंग्रेजी मीडियम फिल्म में घसीटे राम हलवाई के रूप में नजर आएंगे। हलवाई भी ऐसे जिनका आधा वक्त दुकान पर आने वाले ग्राहकों को यह समझाने में निकल जाता है कि वह असली है दूसरा नकली। इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें दर्शकों को दीपक और इरफान के अभिनय की अद्भुत जुगलबंदी देखने को मिलेगी। फिल्म में दोनों के बीच लव-हेट का रिश्ता है। अंग्रेजी मीडियम एक इमोशनल कामेडी फिल्म है और 13 मार्च को ऑल इंडिया रिलीज के साथ हल्द्वानी में भी प्रदर्शित होने जा रही है। अभिनेता दीपक डोबरियाल उत्तराखंड में पौड़ी के एक छोटे से गांव कबरा के रहने वाले हैं। वह बॉलीवुड में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं और एक बड़े कलाकार के रूप में प्रतिष्ठित हो चुके हैं। मुंबई से हिन्दुस्तान से फोन पर बातचीत में दीपक ने अपनी 13 मार्च को प्रदर्शित होने जा रही फिल्म अंग्रेजी मीडियम के बारे में विस्तार से बातचीत की।
अभिनेता दीपक डोबरियाल का कहना है कि इरफान और उनके बीच बहुत अच्छी दोस्ती है, पर अभिनय की अपनी चुनौतियां होती हैं। इन दोनों किरदारों में अभिनय की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि दोनों को एक साथ बेहद इमोशनल भी दिखना है और साथ ही उतना ही शातिर भी नजर आना है। पर इस चुनौती में भी मजा आया।
इरफान की बेटी लंदन में पढ़ना चाहती है। यहां से फिल्म में एक नया मोड़ आता है। मैं लड़की का चाचा हूं तो दोनों लंदन का सफर करते हैं। लंदन पहुंचते ही इरफान और दीपक के रिश्तों का एक रोचक सफर शुरू होता है। फिल्म के अन्य कलाकारों में करीना कपूर, डिंपल कपाडिया, पंकज त्रिपाठी, रनवीर शौरी, राधिका मदान और कीकू शारदा भी हैं।
दीपक डोबरियाल ने बताया कि इरफान कैंसर से एक लंबी लड़ाई के बाद अभिनय में उतरे। उनके लिए यह चुनौतीपूर्ण काम था पर उदयपुर और लंदन में उनकी अभिनय में इन्वॉल्वमेंट देखने लायक थी। मेरे उनके आमने-सामने के सीन हैं, पर किसी भी सीन में ऐसा नहीं लगा कि इरफान बीमारी के कांप्लेक्स में हैं। उन्होंने साबित किया कि परिस्थतियां कितनी भी कठिन हों, उनमें अपने आपको साबित करने का माद्दा है। इरफान सामने वाले कलाकार को पूरा सहयोग करते हैं। बताया कि इरफान का जज्बा सबके लिए प्रेरणास्रोत है। हमको उनसे यह सीखना चाहिए कि कभी भी परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहि।