मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शिक्षा सचिव अमित खरे के नेतृत्व में विस्तृत बैठक में यह निर्णय लिया है। अपने ट्वीट में घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा, ” कोविड19 की वजह से मौजूदा स्थिति को देखते हुए, मैंने सीबीएसई को सलाह दी है कि पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले सभी छात्रों को अगली कक्षा या कक्षा में प्रोमोट करूँ”
उन्होंने कहा कि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को प्रोजेक्ट, पीरियड टेस्ट, असेसमेंट टेस्ट आदि सहित स्कूल-आधारित आकलन के आधार पर प्रोमोट किया जाएगा। गौरतलब है कि यह भी तय किया गया है कि इस बार प्रोमोट नहीं होने वाले छात्र ऑनलाइन या ऑफलाइन स्कूल आधारित परीक्षणों में उपस्थित हो सकते हैं।
एक अधिकारी के अनुसार, सीबीएसई स्कूल जल्द ही ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू कर सकते हैं। एचआरडी मंत्रालय और सीबीएसई भी दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों को हर संभव हल प्रदान करने की संभावनाओं की बारीकी से जांच कर रहे हैं, जिनकी भी वार्षिक परीक्षा बाधित हुई है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) वर्तमान कोरोनोवायरस लॉकडाउन को देखते हुए कक्षा पहली से आठवीं कक्षा के सभी छात्रों को अगली क्लास में प्रोमोट करने का फैसला लिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों से कहा है कि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों को भी अब तक आयोजित स्कूल आधारित आकलन, प्रोजेक्ट, पीरियड टेस्ट, असेसमेंट टेस्ट के आधार पर अगली क्लास में प्रोमोट किया जाएगा।