उत्तराखंड में 18 से दोबारा लगेंगे कोविशील्ड के टीके

उत्तराखंड में 18 से दोबारा लगेंगे कोविशील्ड के टीके

राज्य में टीकाकरण के कार्यों को देख रही निदेशक स्वास्थ्य डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि रविवार को राज्य में टीकाकरण नहीं किया जाएगा। जबकि सोमवार को भी शनिवार की ही तरह 34 बूथ यानी अस्पतालों में टीकाकरण किया जाएगा। विदित है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना टीकाकरण के लिए 390 से अधिक बूथ चिह्नित किए हैं। सरकार की योजना था कि तीन से चार दिन के भीतर टीकाकरण को पूरा कर लिया जाए। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अधिकारियों को इसके निर्देश भी दिए थे।

उत्तराखंड में कोरोना वायरस पर वार करने के लिए सरकार सोमवार से दोबारा टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। प्रदेशभर में पहले से तय 34 बूथों पर टीकाकरण किया जाएगा। पहले दिन टीकाकरण अभियान की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया। बता दें कि शनिवार से राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरूआत हो गई है। पहले यह माना जा रहा था कि एक बार अभियान शुरू होने के बाद बिना रुके इस अभियान को चलाया जाएगा। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने साफ किया है कि अवकाश यानी रविवार के दिन टीकाकरण अभियान नहीं चलाया जाएगा।

लेकिन शनिवार को टीकाकरण अभियान के बाद फिलहाल टीकाकरण की रफ्तार धीमी रखने का ही निर्णय लिया गया है। डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि सोमवार को भी राज्य के 34 केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि एक दो दिन के बाद फिर अभियान में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले दिन सामने आई कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो स्थान चुने गए हैं वहीं पर टीकाकरण किया जाएगा।

डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि सोमवार से राज्य में टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि शनिवार को टीकाकरण के पहले दिन 28 प्रतिशत लोग टीका लगाने नहीं आए। उन्होंने कहा कि विभाग के स्तर पर इसका विश्लेषण किया गया है और अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार कर्मचारियों के न आने की प्रमुख वजह बीमारी, अनुपस्थिति और डर भी रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारी ऐसे थे जो विभिन्न कारणों से अनुपस्थित चल रहे हैं। कुछ लोगों ने बीमारी की वजह से टीका नहीं लगाया जबकि कई लोग डर की वजह से भी टीका लगाने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार का टीकाकरण सफल रहा है इसलिए सोमवार को ज्यादा संख्या में लोग टीका लगाने पहुंचेंगे।

स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना टीकाकरण के बाद यदि कोई परेशानी होती है तो वे हेल्प लाइन नम्बर 104 पर फोन कर विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से हेल्प लाइन में विशेषज्ञों की तैनाती की गई है।  राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान में तैनात निदेशक स्वास्थ्य डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि टीके का दुष्प्रभाव किसी व्यक्ति पर अधिकतम तीस मिनट के भीतर हो सकता है। इसीलिए कोरोना टीकाकरण के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को 30 मिनट तक टीकाकरण केंद्र पर ही रोका गया था।

उन्होंने बताया कि टीके के आधे घंटे बाद यदि किसी को परेशानी होती है तो उसके अन्य कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जा रहे हैं। क्योंकि स्वास्थ्य कर्मी टीके के प्रभाव को अच्छी तरह समझ सकते हैं इसलिए किसी को बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होगी। फिर भी लोगों को सलाह दी गई है कि वे घर पर ही अपने स्वास्थ्य को मॉनीटर करते रहें और यदि कोई परेशानी होती है तो अपने अस्पताल के डॉक्टरों से सलाह ली जा सकती है।

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने 104 हेल्प लाइन पर टीकाकरण से संबंधित एक्सपर्ट को तैनात किया है। लोग यहां फोन कर टीके के असर या स्वास्थ्य में आ रही गड़बड़ी के बारे में पूछ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी को ज्यादा परेशानी होती है तो वे लोग आपात कालीन एम्बुलेंस सेवा 108 को फोन कर नजदीकी अस्पताल आ सकते हैं। डॉ नैथानी ने बताया कि अभी स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए जा रहे हैं।

इसलिए ज्यादा व्यवस्थाएं करने की जरूरत नहीं है। लेकिन जब आम लोगों को टीके लगाए जाएंगे तो इस संदर्भ में मेडिकल टीम गठित की जा सकती है। जो जरूरत पड़ने पर लोगों का इलाज कर सके। इसके अलावा बूथ वाइज डॉक्टरों की तैनाती भी की जा सकती है। ताकि परेशानी होने पर लोग संपर्क कर सकें।

राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान के पहले ही दिन कोविन पोर्टल ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं की पोल खोल दी। कोविन पोर्टल की धीमी रफ्तार से साफ हो गया कि आने वाले दिनों में टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार को शुरू हुए टीकाकरण अभियान के दौरान बड़ी संख्या में बूथों पर पोर्टल के धीमी रफ्तार से काम करने की शिकायतें मिली। हालांकि राज्य व केंद्र सरकार को यह आशंका पहले से ही थी और इसीलिए कोविन पोर्टल में ऑफ लाइन काम करने की भी सुविधा दी गई है।

लेकिन कोरोना टीकाकरण में हर व्यक्ति का डेटा फीड होना है तो ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों का काम बढ़ जाएगा। यदि नेटवर्क नहीं रहा या पोर्टल नहीं चला तो उन्हें पहले ऑफ लाइन डेटा फीड करना होगा और बाद में उसी डेटा को ऑन लाइन किया जाएगा। कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया लम्बी चलनी है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को इसमें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

विदित है कि राज्य में पहले चरण में ही 87 हजार के करीब स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना है। 28 दिन के बाद इन्हीं लोगों को फिर से टीका लगाया जाना है। इसके बाद तीन लाख के करीब फ्रंट लाइन वर्कर टीके की लाइन में खड़े हैं। ऐसे में इस अभियान के लम्बा चलना तय है। हालांकि बाद के चरणों के लिए स्वास्थ्य विभाग कार्ड सिस्टम तैयार करने में जुटा है ताकि पोर्टल की वजह से अभियान पर ज्यादा असर न पड़े। स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने भी कहा कि अभियान के दौरान सामने आने वाली सभी चुनौतियों का सामना किया जाएगा।

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