उत्तराखंड में कोरोना केस बढ़े तो मरीजों के लिए बंद हो जाएंगे कोविड अस्पताल
संक्रमण में इजाफे के बाद फिर से अलग कोविड अस्पतालों की जरूरत महसूस हो रही है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस बारे में विचार चल रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति के आधार पर यह फैसला हो सकता है। उत्तराखंड की स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण में इजाफा हो रहा है। इसके बाद भी स्थिति अभी नियंत्रण में ही है। उन्होंने यह भी कहा कि, अगर संक्रमण आगे तेजी से बढ़ता रहा तो फिर डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को पूरी तरह से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को आम मरीजों के लिए फिर बंद किया जा सकता है। कोरोना की स्थिति के आधार पर कुछ दिनों में यह निर्णय हो सकता है। दरअसल, बीते साल कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद सरकार ने मई महीने में 15 बड़े सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया था। यहां सिर्फ कोरोना संक्रमितों का ही इलाज किया गया। इस वजह से आम मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, कोरोना संक्रमण की स्थिति काबू में आने के बाद जनवरी में कोविड अस्पतालों को सभी मरीजों के लिए खोल दिया गया।
चिह्नित कोविड अस्पताल
बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, यूएसनगर, टिहरी, उत्तरकाशी के जिला अस्पताल। इसके अलावा अल्मोड़ा का बेस अस्पताल, देहरादून मेडिकल कॉलेज, मेला चिकित्सालय हरिद्वार, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल, बेस अस्पताल कोटद्वार और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज।
उत्तराखंड में कोरोना की संक्रमण दर 3.83% पहुंची
उत्तराखंड में संक्रमण की दर 3.83 प्रतिशत, जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 95.15 प्रतिशत हो गई है। राज्यभर के विभिन्न जिलों से रविवार को आठ हजार के करीब सैंपल जांच के लिए भेजे गए। जबकि, सात हजार छह सौ के करीब सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। छह हजार लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है।