चार दिन के लिए उत्तराखंड आने वालों का बॉर्डर पर नहीं होगा कोविड-19 टेस्ट
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि बीच में राज्य में तेजी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। इससे सरकार और अफसरों पर जनता का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। लोगों की मांग थी कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने को सख्ती बरती जाए। इसी लिहाज से बॉर्डर पर जांच की व्यवस्था की गई थी।
राज्य में सिर्फ तीन चार दिन के लिए आने वालों को बॉर्डर पर कोरोना टेस्ट नहीं कराना होगा। बॉर्डर पर जांच को लेकर कायम असमंजस की स्थिति को शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने दूर किया। उन्होंने साफ किया कि ऐसे लोग, जिन्हें सिर्फ तीन, चार दिन के लिए आना है, उन्हें कोविड टेस्ट कराने की कोई जरूरत नहीं है। इस नियम को सरल बनाया जाएगा।
ये व्यवस्था उन लोगों के लिए थी, जो बाहर से आने पर अपने साथ टेस्ट रिपोर्ट लेकर नहीं आ पा रहे थे। सीएम ने साफ किया कि बेहद कम समय, तीन से चार दिन के लिए आने वालों को किसी भी तरह का टेस्ट नहीं कराना होगा। इसके लिए नियमों को सरल बनाने को कहा गया है। जो लोग भी बाहर से राज्य में आना चाहते हैं, उनका स्वागत है।
उत्तराखंड के बॉर्डर पर बाहर से आने वालों के कोरोना टेस्ट को लेकर पहले ही दिन से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अफसरों के बयानों में विरोधाभास रहा। जहां मुख्य सचिव ओमप्रकाश के 11 सितंबर के आदेश और बाद में मीडिया में दिए गए बयानों में कहा गया कि बाहर से आने वाले हर शख्स को अनिवार्य रूप से बॉर्डर पर कोरोना जांच करानी होगी।
इसी के ठीक अगले दिन सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी का बयान आया कि सिर्फ उन्हीं लोगों को जांच करानी होगी, जिनके लिए पूर्व में उत्तराखंड सीमा में प्रवेश के दौरान अपने साथ कोरोना रिपोर्ट लाने का नियम था। इसमें पर्यटक, फिल्म शूटिंग की गतिविधियों से जुड़े लोग रहे।