कोरोना से जंग के खिलाफ होटलों में भर्ती हो सकेंगे संक्रमित
सभी सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों को बेड बढ़ाने को कहा गया। सचिव ने सभी अस्पतालों में मानव संसाधन बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में राज्य के अस्पतालों ने मरीजों के इलाज में सराहनीय योगदान दिया था। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी अस्पतालों से बढ़-चढ़कर आगे आने की अपील की है।
राज्य में संक्रमण की बिगड़ती स्थिति को देख, तीरथ सरकार कोविड अस्पतालों को प्राइवेट होटलों में मरीज भर्ती करने की इजाजत देने जा रही है। इसके लिए कोविड अस्पतालों से होटल अधिकृत करने का प्रस्ताव मांगे गए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने मंगलवार शाम राज्य के प्रमुख अस्पतालों और अधिकारियों संग वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इसके साथ ही राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालों से ऑक्सीजन की जरूरत का ब्योरा देने को भी कहा गया है। सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार, उत्तराखंड की ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा कर रही है। इसलिए सभी अस्पताल अपनी जरूरत मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को बताएं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की जरूरत का हर दिन का ब्योरा दिया जाए, ताकि आपूर्ति सुनिश्चित करवाई जा सके।
सचिव ने अस्पतालों को कहा कि राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत चल रही है। शॉर्ट सप्लाई से मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में सभी मरीजों को रेमडेसिविर देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का उपयोग रेशनल आधार पर किया जाए।
स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों के साथ बैठक में कहा कि मरीजों की संख्या को देखते हुए एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों की अस्पतालों में तैनाती की योजना है। मरीजों के इलाज में कोई परेशानी न हो, इसके लिए जीएनएम-बीएससी नर्सिंग और पोस्ट बीएससी नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को अस्पतालों में तैनात करने पर भी विचार चल रहा है।
निदेशक-स्वास्थ्य डॉ. एलएम उप्रेती ने संक्रमण रोकने को राज्य में आयोजनों में 10 से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अभी न संभले तो आगे संक्रमण रोकने में सरकार पूरी तरह फेल रहेगी। बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी होगी। उन्होंने कहा, भीड़भाड़ और आयोजनों से संक्रमण बढ़ रहा है।