कोविड के खिलाफ जंग में स्कूलों की बजाय अस्पतालों एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में बनेंगे कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर
स्कूलों की बजाय अस्पतालों एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित किए जाएं। सीएम आवास में शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य में सरकारी और निजी लैब में रोजाना हो रहे टेस्ट, लैब की क्षमता का पूरा ब्योरा उपलब्ध कराया जाए।
कोविड की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कोरोना सैंपलों की जांच हर हाल में 24 से 48 घंटे के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए। मैदानी क्षेत्रों में 24 और पहाड़ पर सैंपल लेने के 48 घंटे में रिपोर्ट लोगों को देने को कहा।
कोविड डेथ रेट कम करने के प्रयास हों। कोविड से जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, उनके किसी रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पताल में पहुंचने या जिस भी कारण से मृत्यु हो रही है, इसका विश्लेषण हो।
कोविड मरीज को हायर सेंटर रेफर करने में देरी नहीं की जाए। उन्होंने साफ किया कि रिकवरी रेट बढ़ाने को और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने सभी डीएम को टेस्टिंग बढ़ाने को कहा। वे बोले, आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए।
यदि कोई भी सिम्पटमैटिक है, तो आरटीपीसीआर टेस्ट जरूर हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि रिपोर्ट 24 से 48 घंटे के भीतर लोगों को मिल जाए। अस्पतालों में कोविड मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाए।
अस्पतालों की नियमित रूप से निगरानी की जाए। सभी हेल्थ वर्करों को मोटिवेट करने पर ध्यान देने के साथ ही टेस्टिंग की पूरी क्षमता के उपयोग पर जोर दिया जाए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन, वाईके पंत, डीआईजी रिधिम अग्रवाल के साथ वीसी के जरिये कुमाऊं आयुक्त अरविंद ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन एवं डीएम भी जुड़े।