कोरोना के आंकड़ों में दिखने लगा कर्फ्यू का असर, संक्रमण के नए मामलों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले व्यक्तियों की दर भी निरंतर बढ़ रही

कोरोना के आंकड़ों में दिखने लगा कर्फ्यू का असर, संक्रमण के नए मामलों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले व्यक्तियों की दर भी निरंतर बढ़ रही

दून में मई के पहले सप्ताह में कोरोना ने रफ्तार पकड़ी थी और सात मई को सर्वाधिक 34.36 फीसद व्यक्ति संक्रमित पाए गए थे। तब नए संक्रमण के मुकाबले स्वस्थ होने वाले व्यक्तियों की दर 31 फीसद के आसपास आ गई थी। हालांकि, जैसे-जैसे कोरोना कर्फ्यू बढ़ा, संक्रमण भी घटने लगा। इस समय दूनवासी भी कोरोना के प्रति गंभीर दिख रहे हैं। सड़क पर अब पहले जैसी मनमर्जी नहीं दिख रही। संक्रमण पर अंकुश लगने के चलते कर्फ्यू की अवधि भी निरंतर बढ़ाई जा रही है। अगर लोग संयम रखकर कर्फ्यू के नियमों का पालन करें तो मई के अंत तक संक्रमण की दर काफी नीचे आ सकती है।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए कोरोना कर्फ्यू के सकारात्मक परिणाम दून में नजर आने लगे हैं। पिछले पांच दिन से कोरोना संक्रमण की दर न सिर्फ कुछ नियंत्रण में दिख रही है, बल्कि संक्रमण के नए मामलों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले व्यक्तियों की दर भी निरंतर बढ़ रही है। मंगलवार को संक्रमण के जितने मामले सामने आए, उसके मुकाबले 194 फीसद स्वस्थ हुए।

देहरादून जिले के कोविड प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने राजपुर और भगवंतपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर वहां मौजूद व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने भगवंतपुर में कोविड उपचार केंद्र बनाने की बात कही है। उन्होंने राजपुर धर्मशाला प्रांगण में संचालित हो रहे राजकीय ऐलोपैथिक अस्पताल में विद्युत संयोजन पुन: स्थापित किए जाने के लिए ऊर्जा निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया। अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष को उन्होंने तत्काल विद्युत संयोजन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए निर्देशित किया, ताकि विभाग अस्पताल को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवा सके।

भगवंतपुर पहुंचे काबीना मंत्री को अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आशाराम नौटियाल ने बताया कि अस्पताल में नियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. जगमोहन की ओर से आयुष पद्धति से भी उपचार दिया जाता है। मंत्री ने सुझाव दिया कि अस्पताल परिसर में सभी प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध हैं और ओपीडी भी संचालित हो रही है। इसलिए किसी अन्य अनुकूल स्थान पर पांच ऑक्सीजन बेड युक्त कोविड उपचार (प्राथमिक) केंद्र बना कर क्षेत्रवासियों को स्थानीय स्तर पर ही कोविड उपचार उपलब्ध करवाया जा सकता है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुंडीर और मनोनीत पार्षद सुंदर कोठाल ने चार दिन में उपचार केंद्र के लिए जगह तलाशने की बात कही। मंत्री से रिखोली, भितरली, गंगोल पंडितवाड़ी और भगवंतपुर आदि क्षेत्रों में कोरोना जांच शिविर लगाने की बात कही है।

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