निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर पेयजल, आवागमन एवं अन्य बुनियदाी सुविधाएं जुटाने के लिए प्राथमिकता से काम करने के निर्देश दिए। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में विशेष पहल करने और पेयजल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं वाले कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की हिदायत दी। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, एसीएस राधा रतूड़ी व अन्य अफसरों के साथ ही विधायक बलवंत सिंह भौर्याल,चंदन राम दास,व कैलाश चंद्र गहतौड़ी मौजूद रहे, जबकि विशन सिंह चुफाल व चंद्रा पंत वर्चुअल के जरिए जुड़े।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अफसरों को क्षेत्रीय विधायकों के साथ समन्वय बनाकर स्थानीय समस्याओं को हल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियत समय के भीतर सीएम घोषणाओं पर काम करें, वरना इसे गंभीरता से लिया जाएगा। सोमवार को सीएम त्रिवेंद्र ने सचिवालय में पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं चंपावत जिलों की मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों को चेताया कि वे छोटी-मोटी समस्याओं का निस्तारण कराने में विधायकों व जनप्रतिनिधियों का भी सुझाव लें, ताकि वक्त पर जनता की समस्याओं को दूर किया जा सके।
बागेश्वर में 58 विकास कार्यों की घोषणा की गई, जिनमें से 36 पूरी हो गई हैं। जिले में मुख्यतः पिंडारी ग्लेशियर ट्रेकिंग रूट के दवाली में 60 मीटर स्पान झूला पुल एवं सोराग से सुंदर ढ़ुंगा तक नए ट्रेकिंग रूट का काम पूरा हो गया है। इसी तरह बिलौना, कालापैर कापडी, म्यून्डा लिफ्ट सिंचाई योजना और विभिन्न सड़क मार्गों का नव निर्माण व डामरीकरण के साथ ही पेयजल योजनाओं से संबंधित घोषणाएं भी पूरी हो गई हैं।
मुख्यमंत्री को जिलाधिकारियों को प्रत्येक 15 दिन के भीतर घोषणाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी घोषणाओं की प्रगति सीएम घोषणा पोर्टल पर भी अपलोड करेंगे, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कौन-कौन से जिलों के अफसर लापरवाही बरत रहे हैं। सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वे प्रत्येक माह एक बार इन घोषणाओं को रिव्यू करेंगे।