नयी दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के काल में कृषि क्षेत्र की विकास दर घटकर आधी हो जाने का आरोप लगाया और दावा किया कि साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात एक बार फिर से किसानों को ठगने की कोशिश है। कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में कृषि, रोजगार और गरीबी उन्मूलन पर पेश प्रस्ताव में कहा गया, “किसानों से किये गए वादे पूरे करने में नाकाम रही भाजपा सरकार अब वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का खोखला दावा करके किसानों को फिर से ठगने की कोशिश कर रही है।’
कांग्रेस ने आरोप लगाया, ‘वर्तमान सरकार द्वारा शुरू की गयी फसल बीमा योजना ने किसानों की बजाय निजी बीमा कम्पनियों को भारी फायदा पहुंचाया है। इसके जरिये बीमा प्रीमियम के नाम पर किसानों से बिना पूछे ही उनके बैंक खातों से जबरन पैसे काटे जा रहे हैं।’ पंजाब के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह द्वारा पेश इस प्रस्ताव में कहा गया है, “भाजपा का किसान विरोधी रवैया इसी बात से उजागर होता है कि राजग की पिछली और मौजूदा सरकारों में कृषि क्षेत्र की विकास दर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में आधी रह गयी है।”
विपक्षी पार्टी ने भाजपा सरकार पर हर साल दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने के वादे को पूरा करने में बुरी तरह विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि बेरोजगारी की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है। प्रस्ताव में कहा गया है, “स्किल इंडिया के तहत युवा प्रशिक्षण पाने वालों में से सिर्फ 10 प्रतिशत युवाओं को ही रोजगार मिल सका है। कांग्रेस पार्टी युवाओं को रोजगार के हिसाब से तैयार करने के लिए प्रशिक्षण और उद्योगों के बीच सामंजस्य बिठाने पर विशेष ध्यान देगी।’’।
मतपत्र के जरिये चुनाव कराने की पुरानी व्यवस्था लागू हो: कांग्रेस
कांग्रेस ने आज निर्वाचन आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की बजाय मतपत्र के जरिये मतदान कराये जाने की पुरानी पद्धति को आगामी चुनावों में लागू करने का आग्रह किया। पार्टी नेअपने 84 वें महाधिवेशन के दौरान यहां कहा कि यह आवश्यक है, क्योंकि‘ जनमत के विपरीत परिणामों में हेराफेरी’ करने के लिए ईवीएम के दुरूपयोग की आशंका है। कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल चुनावों के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते रहे हैं और मतदान के लिए मतपत्र की पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग करते रहे हैं।