ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के मामले में कांग्रेस और भाजपा सरकार आमने-सामने

देहरादून : काठगोदाम (हल्द्वानी) निवासी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की जहर खाने से हुई मौत के मामले में कांग्रेस और भाजपा सरकार आमने-सामने हैं। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राजभवन में दस्तक दी। राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल को ज्ञापन सौंपकर मृतक प्रकाश पांडे के परिजनों को आर्थिक मदद और पत्नी को सरकारी नौकरी देने की पैरवी की गई। वहीं सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं से प्रकाश पांडे की खुदकुशी जैसे संवेदनशील प्रकरण को बढ़ावा नहीं देने की अपील की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों की मार से व्यापारी वर्ग भी किसानों की तर्ज पर आत्महत्या की राह पर चल पड़ा है। इस घटना से देवभूमि शर्मसार हुई है। ज्ञापन में मृतक प्रकाश पांडे के परिजनों को आर्थिक मदद व पत्नी को सरकारी नौकरी देने के साथ ही राज्य के निम्न मध्यम वर्गीय कारोबारियों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करने को सर्वे कर ठोस नीति बनाने की मांग की गई।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि राज्य की भाजपा सरकार के मुखिया और भाजपा नेता प्रकाश पांडे प्रकरण में कांग्रेस की ओर से उठाई जा रही आवाज को राजनीति करार दे रहे हैं। इस मामले में सरकार और प्रशासन तंत्र संवेदनशील दिखाई नहीं दे रही है।

उधर, सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत विपक्ष को खुदकुशी के प्रकरणों को प्रदेश में बढ़ावा नहीं देना चाहिए। मुख्यमंत्री आवास में अब तक खुदकुशी की धमकी के आधा दर्जन मामले आ चुके हैं। मृतक पांडे के परिजनों को आर्थिक मदद और भाजपा विधायक बंशीधर भगत के मदद के संबंध में जारी किए गए पत्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट आने के बाद सरकार आगे कदम उठाएगी।

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