सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट नवीन आकांक्षाओं एवं आशाओं के साथ-साथ प्रदेश के निर्बल वर्ग की आवश्यकताओं को पूरा करने के ध्येय से बनाया गया बजट है। इसमें समाज के सभी वर्गों- किसान, मातृशक्ति ,युवाओं एवं उद्योग क्षेत्रों की सभी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है।
उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान भराड़ीसैंण में आज सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश किया। बजट में सरकार ने 53526 करोड़ के बजट की व्यवस्था की है।
विकास की बुनियाद मजबूत की,बेरोजगारी पर किया प्रहार
53 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में विकास की बुनियाद को मजबूत करने और रोजगार को बढ़ाने का इरादा जताया। लोगों की आकांक्षाओं को स्वीकार करते हुए खुश रहे किसान आबाद रहे गांव, युवाओं को मिले काम, सस्ता इलाज को बजट का आधार बताया।
बुनियादी ढांचे पर जोर देते हुए लोक निर्माण विभाग के लिए 2055 करोड़ का बजट रखा है। सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 1072 करोड़ की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में सड़क सुरक्षा को भी सरकार ने तवज्जो दी है। सरकार रोजगार के मुद्दे पर भी संभली है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड युवा आयोग के गठन की घोषणा की। सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग और प्रवक्ता संवर्ग में 3063 पदों 2020-21 में तैनाती की जाएगी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विभाग में 1224 नई भर्ती होंगी। इसके साथ ही नया हुनर सीखने वालों के लिए एक नई योजना मु यमंत्री शिक्षुता योजना शुरू करने का एलान बजट में किया गया।
इससे पहले आज की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले पर राज्य सरकार को घेरा। वेल में पहुंचकर हंगामा किया। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के मामले को नियम-58 में सुनने के आश्वासन पर विपक्षी विधायक माने।