सीएम तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल ने कोविड से अनाथ बच्चों को दिया ‘वात्सल्य योजना’ का सहारा
इसके अंतर्गत 25 शिल्पकारों को 01 लाख रूपये का पुरूस्कार दिया जायेगा। कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन का व्यापक उद्योगों पर पड़ा है, जिसकी भरपाई के लिए सरकार 228 करोड़ 99 लाख रूपये पर्यटन व्यवसायियों को दिया जायेगा। इसके अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थियों को 2500 रूपये प्रतिमाह की दर से 02 माह के लिये 5 हजार रूपये प्रति कार्मिक को एक मुश्त आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से दिया जायेगा। इसकी धनराशि 2500 लाख होगी। वहीं, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत होम स्टे योजना में 01 अप्रैल से 30 सितम्बर तक ऋण लेने पर ब्याज की प्रतिपूर्ति की जाएगी जिसकी धनराशि 200 लाख होगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिने बैठक हुई, जिसमें 14 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कैबिने फैसलों पर जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए ‘वात्सल्य योजना’ को मंजूरी दे दी है। बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत वात्सल्य योजना मार्च 2020 से मार्च 2022 तक लागू रहेगी, इसके अंतर्गत जिस बच्चे के माता-पिता अथवा संरक्षक की मृत्यु होने पर उस बच्चे को 21 वर्ष तक 3000 रूपये प्रति माह निःशुल्क राशन, शिक्षा इत्यादि की सुविधा दी जायेगी। कहा कि बच्चों के भरण-पोषण के लिए सरकार गंभीर है और कोविड अनाथ बच्चों को पूरा ख्याल रखा जाएगा। शिल्पकार प्रोत्साहन योजना को 05 वर्ष तक बढ़ाने का फैसला भी लिया है।
उत्तराखंड में पंजीकृत 631 राफ्टिंग गाइडों को 10 हजार रूपये प्रति गाइड दिया जायेगा, जिसके लिए सरकार ने 63.10 लाख की धनराशि का प्रावधान किया है। कैबिने मंत्रियों ने काफी विचार-विमर्श के बाद बदरीनाथ में 100 करोड़ लागत से बाढ़ नियंत्रण हेतु वेबकास्ट को कार्यदायी संस्था बनाने का निर्णय लिया है। तीरथ मंत्रिमंडल ने हरिद्वार होटल अलकनन्दा के पुनर्निर्माण में आरोपित शुल्क 50 लाख 76 हजार 335 रूपये में से लेबर सेस निकालकर 39 लाख 62 हजार 492 रूपये, मानचित्र स्वीकृत में आरोपित शुल्क छूट करने का फैसला लिया है। बताया कि सरकार का पर्यटन पर विशेष फोकस है। इसी के मद्देनजर पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की मुश्किलें भी कम की जाएंगी।
उत्तरकाशी के तेखला में न्याय विभाग की आवाशीय भवन तथा विश्वनाथ मंदिर के पास लोक निर्माण के आवासीय भवन का भूमि स्थानांतरण न्याय विभाग को करने का निर्णय किया गया। केदारनाथ पुनर्निर्माण मास्टर प्लान पर भी तीरथ सरकार ने गंभीरता से विचार किया है। मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि पुनर्निर्माण के अंतर्गत प्रशासनिक भवन कमांड कंट्रोल इत्यादि के लिये भूमि की आवश्यकता को देखते हुए पुराने गढ़वाल विकास निगम के 08 भवनों को ध्वस्तीकरण की अनुमति दी गई।