सीएम तीरथ सिंह रावत ने विधायकों की नब्ज टटोली, 100 दिन कार्यकाल में नाराजगी दूर कर ये बातें कहीं
मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि मैंने ऐसे समय में सीएम पद संभाला जब कोरोना की दूसरी लहर सामने थी। कोरोना के खिलाफ जंग में भी संक्रमण पर नियंत्रण को हरसंभव कोशिश की और अब संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी राज्य सरकार पूरी तैयारियां कर चुकी है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने सौ दिन के कार्यकाल के दौरान पार्टी विधायकों की नब्ज टटोलकर उनकी नाराजगी दूर करने में कामयाब रहे हैं। विधानसभा क्षेत्रों में लंबित कार्यों के समाधान में विधायकों के सामने क्या परेशानियां आ रही हैं, मुख्यमंत्री ने यह भांपकर उन्हें दूर करने की कोशिश की है। यही वजह है कि पार्टी विधायक उनके कामकाज से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।
बकौल तीरथ, विकास के क्रम में विभिन्न विस क्षेत्रों में ऐसी सड़कों को मंजूरी दी गई, जो वर्षों से अटकी थीं। खुद विधायक भी कल्पना नहीं कर सकते थे कोविड के बीच उनके क्षेत्र की सड़कें स्वीकृति हो पाएंगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा के दौरान, इन संपर्क मार्गों को बजट मंजूर करने के साथ ही अफसरों को निर्देश दिए कि जिन भी सड़कों या योजनाओं का बजट रिलीज हो चुका है, बरसात खत्म होते ही उन पर हर हाल में काम शुरू हो जाना चाहिए।मुख्यमंत्री ने सीएचसी-पीएचसी का उदाहरण देते हुए कहा कि इनमें पहले चिकित्सक बहुत कम जाते थे। ये केंद्र फार्मास्टिक या पैरा मेडिकल स्टाफ के भरोसे थे।
इन सभी केंद्रों में चिकित्सक तैनात किए और बाकायदा विधायकों से यह भी पूछा कि क्या चिकित्सकों ने ज्वाइन किया या नहीं। तीरथ ने कहा कि विधायकों से मिलने के लिए हफ्ते में सोमवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन तय किए हैं, ताकि विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के लंबित विकास कार्यों का खाका रख सकें और जल्द इनका निस्तारण भी हो सके।