चुनावी तैयारी पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष ने की मंत्रणा
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज की। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर रहा, जब सत्ता तक पहुंची किसी पार्टी ने इतना भारी भरकम बहुमत हासिल किया। उधर, कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। कांग्रेस महज 11 सीटों पर सिमट गई। वर्ष 2014 की ही तरह पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य की सभी पांच सीटों पर परचम फहराया। इसके अलावा नगर निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी भाजपा अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर भारी पड़ी।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को अभी हालांकि डेढ़ वर्ष का समय शेष है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा पूरी शिद्दत के साथ चुनावी तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की है। सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने चुनावी तैयारियों को लेकर लंबी मंत्रणा की। आगामी चार अक्टूबर को देहरादून में होने जा रही प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक में भी चुनाव के लिए रणनीति पर मंथन किया जाएगा।
इस लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के समक्ष अगले विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती यही रहेगी कि वह अपने 57 सीटों पर जीत के प्रदर्शन को दोहराए। यही वजह है कि पार्टी बगैर समय गंवाए तैयारियों में जुट गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बीच मंगलवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर चुनावी तैयारी पर चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान पार्टी की रणनीति के मुख्य बिंदुओं पर बात हुई। आगामी चार अक्टूबर को देहरादून में पार्टी के प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक है। इसमें प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू के अलावा कुछ अन्य केंद्रीय नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है। इस बैठक में चुनावी तैयारी पर ही फोकस रहेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कोर ग्रुप की बैठक बुलाए जाने की पुष्टि की।