नयी दिल्ली। अभिनेत्री रानी मुखर्जी का मानना है कि भारत और चीन में बहुत सी सांस्कृतिक समानताएं हैं और इसी कारण वहां भारतीय फिल्में कामयाब होती हैं। मुखर्जी ने कहा कि वहां बॉलीवुड के प्रति जिस तरह का प्यार और सम्मान है, वह भी वाकई हैरत में डालने वाला है। मुखर्जी ‘हिचकी’ फिल्म का प्रचार करने के लिए पड़ोसी मुल्क गई थीं। इस फिल्म में अभिनेत्री ने तौरेत सिंड्रोम से ग्रस्त एक शिक्षिका की भूमिका निभाई है। इस बीमारी में मुंह से अनचाही आवाजें निकलती हैं।
‘हिचकी’ फिल्म भारत में इस साल मार्च में रिलीज हुई थी और यह फिल्म चीन के सिनेमाघरों में उम्दा प्रदर्शन कर रही है। अभिनेत्री ने इस फिल्म का प्रचार करने के लिए चीन के कई शहरों का दौरा किया है। इस फिल्म ने चीन में बॉक्स ऑफिस पर 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। मुखर्जी ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘वे फिल्म की हर मनोभाव को समझते हैं। वे फिल्म के बारे में जानते हैं। मुझे मालूम था कि वहां पर भारतीय फिल्में लोकप्रिय हैं लेकिन यह इतनी लोकप्रिय हैं, यह मुझे तब पता चला जब मैं वहां गई। यह वाकई चकित करने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ दर्शकों और चीनी लोगों से बातचीत करने ने मेरी पूरी यात्रा को मेरे लिए और प्रेरक बना दिया। यह अद्भुत है और आश्चर्यजनक है कि जिस तरह का प्यार उनमें भारतीय अभिनेता के लिए है और जिस तरह का सम्मान वे आपको देते हैं, वे वाकई असाधारण है।’’ अभिनेत्री का मानना है कि भारतीय फिल्में चीन में इसलिए बेहतर प्रदर्शन करती हैं कि क्योंकि दोनों देश के बीच बहुत सी सांस्कृतिक समानताएं हैं। मुखर्जी ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति और जिंदगी जीने का तरीका समान है। भारतीय और चीनी लोग पारिवारिक जीवन और रहन सहन के तरीकों में बहुत समान हैं। बहुत सारी चीजें समान हैं। इसलिए यह कहानी से उन्हें जोड़ लेती है।’’