मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत स्वरोजगार और किसानों की दोगुनी आय की प्रगति जानेंगे
रोजगार और किसानों की दोगुनी आय करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति का सच जानना उनकी सबसे पहली प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री का यह दौरा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के तीन दिवसीय दौरा संपन्न होने के बाद शुरू होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत फील्ड में जाकर स्वरोजगार और किसानों की दोगुनी आय के संकल्प की प्रगति से रूबरू होंगे। वह प्रत्येक जिले में कैंप करेंगे और वहां एक-एक विधानसभा का रिपोर्ट कार्ड जांचेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वे सभी विधानसभाओं में नहीं जाएंगे, बल्कि जिला मुख्यालय या किसी एक विधानसभा में जिलों के तहत आने वाली विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे।
यह समीक्षा हर विधानसभा की अलग-अलग होगी। बड़े जिलों में मुख्यमंत्री एक दिन से अधिक प्रवास करेंगे। समीक्षा बैठक में शासन व जिलास्तरीय अधिकारियों के अलावा संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी उपस्थित रहेंगे।
इस दौरान विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही स्वरोजगार और आजीविका बढ़ाने वाले राज्य और केंद्र सरकार की संचालित एक-एक योजना की जानकारी ली जाएगी।
फील्ड में उतरने से पहले मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी सचिवों को पहले ही अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर फीडबैक लेने के आदेश दे दिए हैं। प्रभारी सचिवों के दौरे दिसंबर के पहले हफ्ते तक पूरे होने के आसार हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री का दौरा तय हो जाएगा। जन शिकायतों, जनप्रतिनिधियों से जुटाई गई जानकारियों और प्रभारी सचिवों के फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री समीक्षा करेंगे।
भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री का यह जानने का प्रयास रहेगा कि सरकार किसानों को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध करा रही है, उसका उन्हें किस हद तक लाभ मिल रहा है। किस स्तर के किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
जो किसान ऋण योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, उन्हें यह लाभ कैसे दिया जा सकता है, इस बारे में भी फील्ड से ही सुझाव लिए जाएंगे। किसानों की दोगुनी आय और स्वरोजगार को लेकर अलग अलग महकमों के विशेषज्ञों की जो रायशुमारी हो रही है, उसका जमीन पर क्या असर है।
भ्रमण के दौरान विकास कार्यों, आजीविका आधारित योजनाओं और किसानों जुड़ी योजनाओं को लागू करने में जो व्यावहारिक कठिनाइयां सामने आएंगी, उनका स्पॉट पर ही समाधान किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, समीक्षा बैठकों के दौरान आला अधिकारियों के साथ ही जिले के विभागीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। जिन योजनाओं को प्रभावी ढंग लागू करने में नीतिगत निर्णय लेने होंगे, उनके बारे में शासन स्तर पर शीघ्रता फैसले लिए जाएंगे।