मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का दिल्ली दौरा आज, प्रकाश जावड़ेकर से करेंगे मुलाकात
राज्य पर्यावरण से जुड़े कई मसले केंद्र लंबित हैं। इनके समाधान में हो रही देरी से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इन मसलों के हल के लिए मुख्यमंत्री जावड़ेकर से चर्चा करेंगे। सोमवार को उन्होंने वन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बुलाकर पर्यावरणीय कारणों की वजह से सड़कों के मामलों की जानकारी ली। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पर्यावरण मंत्री से मुलाकात से पूर्व मुख्यमंत्री ने होमवर्क भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लंबे समय बाद बुधवार को दिल्ली दौरे पर हैं। उनका वहां केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात का कार्यक्रम है। लेकिन कैबिनेट विस्तार की संभावना और राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले चुनाव के बीच मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
पर्यावरण मंत्री से उनकी मुलाकात को चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले दिनों परियोजना के कार्यों की निगरानी के लिए गठित हाईपावर कमेटी की बैठक का विवाद खूब चर्चाओं में रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ने चारधाम रोड के मसले पर चर्चा की संभावना से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण से जुड़े कई अन्य मसले हैं, जिनके बारे में वह पर्यावरण मंत्री से चर्चा करेंगे। उनके मुताबिक, इस मुलाकात के अलावा और कोई कार्यक्रम नहीं है|
सीएम के दिल्ली दौरे को लेकर सियासी हलकों में कैबिनेट विस्तार की संभावना को चर्चाएं गरमा उठी हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर कैबिनेट विस्तार पर बात कर सकते हैं। वहीं, राज्यसभा का टिकट भी तय होना है। उनके दौरे को इससे भी जोड़ा जा रहा है।
पर्यावरण से जुड़े इन मसलों पर हो सकती है चर्चा
– जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार, 10 हजार पेड़ कटने को लेकर है विवाद।
– प्रदेश की सभी नदियों का खनन सामग्री का सैटेलाइट सर्वे कराया जाना है।
– प्रदेश में कैंपा के तहत क्षतिपूर्ति वनरोपण के लिए करीब 9000 हेक्टेयर का बैकलॉग है।
– बैकलॉग पूरा करने के लिए राज्य को जमीन की कमी का सामना भी करना पड़ रहा है।
– फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जंगली सूअर और बंदर अभी तक उत्पीड़क नहीं हुए घोषित।
– कैंपा के तहत 10 हजार को रोजगार देने के लिए 245 करोड़ तक की बनाई गई है योजना।
– करीब 245 करोड़ की दूसरी योजना केंद्र सरकार में लंबित है।
– 15 वित्त आयोग की सिफारिशें भी आने वाली हैं। सरकार चाहती है कि उसमें ग्रीन बोनस के तहत अधिभार मिले।
– विभिन्न परियोजनाओं के भूमि से संबंधित एनओसी का मामला केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित है।