मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक्शन मोड में, रैणी पहुंच बचाव दलों का बढ़ाया हौसला
रविवार सुबह जैसे ही चमोली हादसे की खबर आई, मुख्यमंत्री रावत ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने मुख्य सचिव ओमप्रकाश और सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन समेत अन्य अधिकारियों को बुलाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली और बचाव व राहत कार्यो को युद्ध स्तर पर शुरू करने के निर्देश दिए। इसका असर ये रहा कि पूरा प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। इस बीच मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित रैणी, तपोवन क्षेत्र के लिए उड़ान भरी। उनके साथ मंडलायुक्त रविनाथ रमन और डीआइजी गढ़वाल नीरू गर्ग भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पहले पूरे क्षेत्र का हवाई सर्वे किया। फिर आपदा प्रभावित इलाकों में जाकर बचाव व राहत कार्यों में जुटे कार्मिकों का हौसला बढ़ाया।
सीमांत चमोली जिले में आपदा की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक्शन मोड में आ गए। उन्होंने अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद कर तुरंत आला अफसरों से जानकारी लेने के साथ ही आवश्यक निर्देश दिए और फिर देहरादून से आपदा प्रभावित रैणी, तपोवन क्षेत्र के लिए उड़ान भरी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर बचाव एवं राहत कार्य में जुटे दलों का हौसला बढ़ाया। साथ ही प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। देहरादून लौटकर उन्होंने फिर आला अफसरों की बैठक बुलाई और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों की निरंतर निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की मदद में कहीं कोई कमी न आने पाए।
मुख्यमंत्री ने चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया से पूरी स्थिति की जानकारी ली। तकरीबन चार घंटे प्रभावित क्षेत्र का मौका मुआयना करने के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। देहरादून लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण करने के साथ ही आला अधिकारियों संग विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार का पहला उद्देश्य जान-माल की रक्षा करना है। प्रभावित गांवों को राहत पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर व चिकित्सकों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की मदद के लिए सरकार मुस्तैदी से जुटी है।
आपदा में बहे दो मंदिर, पांच पुल
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंfह रावत ने बताया कि रैणी गांव के निकट नीती गांव से जोड़ने वाले पांच पुलों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही 11 गांव से संपर्क टूट गया है। इनमें गहर, भंग्यूल, रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, तोला, फगरासू आदि गांव शामिल हैं। जो पांच पुल बहे हैं, उनमें रैणी में जुगजू झूलापुल, जुवाग्वाड-सतधार झूलापुल, भग्यूल-तपोवन झूलापुल तथा पैंग मुरंडा पुल शामिल हैं। रैणी में शिवजी व जुगूज में मां भगवती मंदिर भी आपदा में बह गए हैं। इसके अलावा 180 भेड़-बकरियां भी बहने की सूचना है।