प्रदेश के अभी तक के आकड़ों पर नजर डालें तो यहा कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के केवल तीन ही मामलें सामने आए हैं। संक्त्रमण प्रभावित अन्य प्रदेशों की तुलना में यह स्थिति बेहतर है। बावजूद इसके प्रदेश में लगातार पर्यटकों की आवाजाही व स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए सरकार ने यह सख्त निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में लॉकडाउन लागू करने से पहले अधिकारियों के साथ गहन मंथन किया। प्रदेश में कोरोना के अभी तक सामने आए मामलों और संक्रमण की आशकाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व सचिव स्वास्थ्य से विस्तृत चर्चा करने के बाद सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन करने का निर्णय लिया।
दरअसल, उत्तराखंड में कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार ने कई अहम एहतियाती कदम उठाए हैं, लेकिन अभी तक की तैयारियों को देखते हुए कई लूप होल भी सामने आए हैं। मसलन यहा स्वास्थ्य सेवाएं तो हैं, लेकिन सैंपल की चेकिंग के लिए केवल प्रदेश में एक ही लेबोरेट्री है। यही कारण है कि अधिक सैंपल आने की स्थिति में इनकी रिपोर्ट को खासा इंतजार भी हो रहा है।
सरकार ने अपनी ओर से आइसोलेशन वार्ड बनाने का पूरा प्रयास किया है, लेकिन इनकी खामियों को अधिकारी अपनी रिपोर्ट में सरकार को बता चुके हैं। यहा ऐसी कोई स्थिति आए जो हाथों से बाहर हो इसके लिए सरकार ने पहले ही इसके लिए एहतियाती कदम उठाए हैं ताकि सरकार के पास जो सीमित संसाधन हैं उनका सही और प्रभावी तरीके से प्रयोग हो सके।