मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए दूसरे जिलों में फंसे लोगों की घर वापसी का हो इंतजाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जनपद की परिस्थिति के अनुकूल आम आदमी की समस्याओं के समाधान में मानवीय व व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। शादी विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों के पक्षों की व्यावहारिकता देखें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों के व्यापक हित में आम व लीची के सीजन को देखते हुए |

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि रिश्तेदारी या अन्य वजह से लॉकडाउन में फंसे लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ग्रीन कैटेगिरी के जिले में जाने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा राज्य के बाहर से आए जिन लोगों ने क्वारंटीन के 14 दिन पूरे कर लिए हैं, उनको स्वास्थ्य जांच के बाद घर भेजा जाए। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता की। इस दौरान शासन के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे।

इसे खरीदने वाले ठेकेदारों को भी आवश्यक चिकित्सा सुरक्षा जांच के बाद आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि मटर की खेती करने वाले किसानों के हित में फ्रोजन मटर की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने को कहा है।

बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप कृषि व खेती से संबंधित कार्यों को सुचारु रूप से संचालन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत वन विभाग के जिन कर्मचारियों की तैनाती की गई है, उन्हें वनाग्नि के बचाव आदि कार्यों के लिए कार्यमुक्त कर दें। उनके स्थान पर पीआरडी स्वयं सेवकों की तैनाती की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आवश्यक सामान लेकर जाने वाले ट्रक ड्राइवरों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन नहीं किया जाएगा।

इस दौरान प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी, सचिव कृषि आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव खाद्य सुशील कुमार एवं पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने उनके स्तर पर की जाने वाली व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारियों से चर्चा की।

लौटे प्रवासियों की दक्षता का बनेगा डाटा बैंक
प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों से लौटे प्रवासी उत्तराखंड़ियों की दक्षता (स्किल) का डाटा बैंक तैयार करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में हजारों लोगों ने रिवर्स माइग्रेशन किया है, लॉकडाउन के बाद भी इनकी संख्या और बढ़ सकती है इसके लिए एक परफॉर्मा तैयार किया गया है, जिसमें उनकी दक्षता आदि का पूरा विवरण तैयार किया जाना है। इसके लिए 30 हजार आवेदन भेजे जा चुके हैं। यह प्रक्रिया भविष्य की योजना तैयार करने में मददगार हो सकेगी।

प्रवासी मजदूरों के रोजगार की लेंगे सुध
प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों के हित में सरकार कार्ययोजना बना रही है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि उद्योगों से समन्वय कर उनकी आवश्यकता को देखते हुए रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि 75 प्रतिशत प्रगति वाले निर्माण कार्य किए जाने हैं। निर्माण कार्यों के मजदूरों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही निगरानी की जाएगी। विभागीय इंजीनियर इसकी व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार होंगे।

– कोरोना संक्रमण को लेकर रेड जोन की श्रेणी में रखे गए जिलों से आने वाले लोगों को टिहरी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन से सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। रेड जोन से आने वाले लोगों को जिले की सीमा में रोककर क्वारंटीन किया जाएगा। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।

– सोमवार को राजधानी देहरादून में कोरोना संक्रमण के दो और नए मामले सामने आए। जिसके बाद अब राज्य में कुल मरीजों की संख्या 46 हो गई है।

– देहरादून में कोरोना के दो पॉजिटिव मिलने के बाद पुलिस ने आजाद कॉलोनी को सील किया है। संपर्क में आए 21 लोगों को क्वारंटीन करने की तैयारी की जा रही है। दोनों जमाती पश्चिम बंगाल के हैं और देहरादून की आजाद नगर कॉलोनी में ठहरे थे। राजधानी में कोरोना के चलते अब तक चार इलाकों को सील किया जा चुका है।

– दो और कोरोना संक्रमित जमाती ठीक हो गए हैं। एक कानपुर और एक देहरादून का है। देर रात हल्द्वानी से रिपोर्ट आई। आज दोनों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा। इसकी पुष्टी डिप्टी एमएस और स्टेट कॉर्डिनेटर कोरोना डॉक्टर एनएस खत्री ने की है। अब राज्य में सही हो चुके मरीजों की संख्या 13 हो चुकी है।

– उत्तरकाशी जिले के बड़कोट में यमुनोत्री हाईवे पर कुथनौर के पास काम कर रहे कुछ मजदूरों के पास राशन नहीं था। जिस पर वह पैदल जा रहे थे। पुलिस ने तुनाल्का में उन्हें पकड़ लिया औ पूछताछ की। वहीं देहरादून के माजरा में एक शीशा कंपनी में काम करने वाले मजूदर पैदल ही अपने घर लखनऊ सुल्तानपुर के लिए निकल पड़े।

– लॉकडाउन के कारण गुजरात के राजकोट में भी उत्तराखंड के कई युवा फंस हैं। ऐसे ही कुछ युवाओं ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर उत्तराखंड राज्य सरकार से उन्हें घर भिजवाने में मदद करने की अपील की है। अपील करने वाले युवा खटीमा, टनकपुर, चंपावत, धारचूला और पिथौरागढ़ के हैं। उनका कहना है कि वह सभी राजकोट के अलग- अलग होटल में काम करते हैं और लॉकडाउन में होटल बन्द होने के कारण बुरी तरह से फंस गए हैं। यूपी सरकार ने बसें भेजकर अपने युवाओं को घर भेजने की व्यवस्था की है, इसी तरह उत्तराखंड सरकार भी उनकी मदद कर उन्हें घर भिजवा सकती है। वीडियो में युवाओं ने अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों से भी मदद की अपील की है। उनका कहना है कि पुलिस की सख्ती के कारण वह पैदल भी अपने घरों को नहीं आ सकते हैं। बेरोजगार होने के कारण उनके आगे राशन का भी संकट खड़ा हो गया है।

– हल्द्वानी में  कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र बनभूलपुरा के लाइन नंबर आठ में खड़ी कार में रविवार देर रात आग लग गई। क्षेत्रवासियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया जिससे बड़ा हादसा होने से बचा। लाइन नंबर आठ में स्थानीय निवासी की कबाड़ा कार लंबे समय से खड़ी थी। कार हटाने को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। रविवार रात पौने तीन बजे कार में अचानक आग लग गई। धुएं से आस-पड़ोस के लोगों की नींद खुली तो उन्होंने बाहर देखा। कार से आग की लपटें उठतीं देख हड़कंप मच गया। उन्होंने छतों से तत्काल पानी डालना शुरू कर दिया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया, जिससे पड़ोस के मकान आग की चपेट में आने से बच गए। इस बीच सूचना पर फायर ब्रिगेड और बनभूलपुरा थाने के प्रभारी सुशील कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। कार स्वामी ने साजिशन आग लगाने का आरोप लगाया। पुलिस ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

– राजस्थान के कोटा से उत्तराखंड के छात्रों को लेकर निकली बसें रात दो बजे मथुरा पहुंची। 18 बसों में करीब 400  बच्चे घरों को निकले हैं। रविवार को अपरान्ह तीन बजे बसें कोटा से रवाना हुई, एक बस में 25 से 28 बच्चे लाए गए हैं। मथुरा में देहरादून रोडवेज डिपो के इंचार्ज अजीत सिंह के निर्देशन में कार्मिक तेजपाल और पवन शर्मा ने कुमाऊं और गढ़वाल के बच्चों से जानकारी लेकर उन्हें अलग-अलग बसों में बिठाया। रोडवेज के तीनों कार्मिक भूखे-प्यासे ड्यूटी पर डटे रहे। स्टेशन इंचार्ज अजीत सिंह ने बताया कि सोमवार तड़के दो बजे से बसें पहुंचना शुरू हुई। बारिश के बीच नौ- नौ बसों में बच्चों को हल्द्वानी, देहरादून को रवाना किया गया। मथुरा से हल्द्वानी को आने वाली बस मुरादाबाद से काशीपुर-रामनगर, रुद्रपुर मार्ग से पहुंचेगी।

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