राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को प्रदेश के अंदर और बाहर निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके एवज में न्यूनतम वेतन स्तर से अधिकतम वेतन स्तर की चार श्रेणियों में कार्मिकों व पेंशनरों से 250 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक अंशदान लिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने बजट सत्र से पहले यह अहम फैसला लिया। अटल आयुष्मान योजना के उक्त फैसले आगामी एक अप्रैल से लागू होंगे।
प्रदेश सरकार ने ढाई लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को अटल आयुष्मान योजना की सौगात दी है। साथ में राज्य के 23 लाख परिवारों को इस योजना के तहत सुविधाओं का दायरा बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत सभी गोल्डनकार्डधारकों को राज्य के भीतर सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों और आपात स्थिति में निजी अस्पतालों में भर्ती होने के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर कराने की जरूरत नहीं होगी। वे राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी सुविधा के तहत देश के करीब 20 हजार निजी और सरकारी सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त कैशलेस उपचार करा सकेंगे।
सचिवालय में शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में अटल आयुष्मान योजना की संशोधित व्यवस्था लागू करने पर मुहर लगा दी। योजना के दायरे में आने वाले राज्य के सभी लाभार्थियों को राज्य के भीतर रेफरल बाध्यता से मुक्त किया गया है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ ही एनएबीएच (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल) से प्रमाणित निजी मेडिकल कॉलेजों में और आपात स्थिति में निजी अस्पतालों में भर्ती के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर कराने की जरूरत नहीं होगी। योजना का फायदा लोगों को बगैर बाधा दिलाने को समूचे प्रदेश में दस कॉल सेंटर खोले जाएंगे। इन सेंटर पर लोगों को गोल्डन कार्ड बनाने से लेकर योजना का लाभ हासिल समेत तमाम जानकारी दी जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से निर्धारित पैकेज दरों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण राज्य में समान रूप से लागू करेगा।
मंत्रिमंडल ने राज्य में आयुष्मान योजना को लेकर केंद्रीय योजना के साथ तालमेल बैठाया है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के स्थान पर केंद्र की तर्ज पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राधिकरण प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना और राज्य सरकार के सभी राजकीय सेवकों व पेंशनरों के लिए योजना संचालित करेगा। योजना के लाभ के लिए सभी पात्रों के पास गोल्डन कार्ड होना अनिवार्य है। सार्वजनिक उपक्रमों-निगमों व निकायों के कर्मचारियों को भी उक्त योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए उन्हें निगम बोर्डों से प्रस्ताव पास कराना होगा।
सरकार ने तय किया है कि राज्य कार्मिकों व पेंशनरों को चिकित्सा सुविधा के लिए सीजीएचएस के आधार पर अस्पतालों में बिस्तर की सुविधा मिलेगी। सूचीबद्ध सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर सातवें वेतनमान के वेतन स्तर के मुताबिक एक से पांच तक वेतनमान श्रेणी में सामान्य शैय्या, स्तर छह के लिए सेमी प्राइवेट शैय्या, वेतन स्तर सात से 11 को निजी शैया एवं वेतनस्तर 12 व उच्चतर स्तर के लिए डीलक्स शैय्या मिलेगी। सेमी प्राइवेट से लेकर डीलक्स शैया तक सीजीएचएस की दरों पर अस्पतालों को भुगतान किया जाएगा।
इसतरह होगी अंशदान की कटौती
कार्मिकों और पेंशनरों के वेतन स्तर एक से पांच तक 250 रुपये कटौती, वेतन स्तर छह से 450 रुपये, वेतन स्तर सात से 11 तक 650 रुपये और वेतन स्तर 12 के लिए अंशदान मं 1000 रुपये अंशदान की कटौती की जाएगी।
-राजकीय कर्मियों व पेंशनरों व उनके परिवार के सदस्यों के लिए आउट डोर पेशेंट (ओपीडी) की व्यवस्था की गई है।
-कर्मचारियों व पेंशनरों को सूचीबद्ध अस्पतालों में ओपीडी की सुविधा
-उन्हें चिकित्सा व्यय का भुगतान सूचीबद्ध अस्पताल में स्वयं करना होगा। व्यय की प्रतिपूर्ति का दावा नियंत्रण अपने नियंत्रण अधिकारी या डीडीओ के माध्यम से स्वीकृत कराना होगा।