उत्तराखंड में तबादला सत्र शून्य
कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर कर्मचारियों के तबादले किए जा सकेंगे। महामारी के चलते विभाग तबादला सत्र की तैयारियां शुरू नहीं कर पाए थे।
राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार तबादला सत्र को शून्य घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने संबंधित प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
इस वजह से कार्मिक विभाग ने सत्र शून्य घोषित करने का प्रस्ताव सीएम को भेजा था। विभिन्न कर्मचारी संगठन भी इस बार तबादला सत्र को शून्य घोषित करने की मांग कर रहे थे।
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि एक-दो दिन में कार्मिक विभाग सत्र शून्य घोषित करने का औपचारिक आदेश कर सकता है।
हालांकि, धारा 27 के तहत सरकार को कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए सरकार के पास तबादलों का अधिकार रहेगा।
सरकार के इस फैसले से सुगम में तैनात उन कर्मचारियों को राहत मिली थी, जो अनिवार्य तबादलों की जद में थे, वहीं दुर्गम से सुगम में आने की आस लगाए कर्मचारियों को झटका लगा है। बहुत संभव है कि, कर्मचारी संगठनों के बीच इस फैसले को लेकर पक्ष-विपक्ष में राय सामने आए।
शिक्षक-शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को प्रमोशन पर पहले दुर्गम में तैनाती दी जाएगी। तबादला एक्ट में भी इसका प्रावधान है। यदि दुर्गम में पद खाली नहीं है तो ऐसी स्थिति में ही प्रमोशन पाने वाले कर्मचारियों को सुगम में पोस्टिंग दी जा सकेगी।
विभागों में गठित समितियों को पहले सुगम से दुर्गम क्षेत्रों में अनिवार्य तबादलों की प्रक्रिया करनी थी। इसके बाद अनुरोध के प्रकरणों और फिर दुर्गम से सुगम में तबादलों का प्रावधान है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया खत्म कर दी है।