मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने विपक्ष से पूछा सत्ता में रहते हुए कितने वायदे किए थे पूरे
वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावम ने कहा कि मोदी सरकार- दो के पहले साल के कार्यकाल में ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि भाजपा घोषणा पत्र के 85 फीसदी वायदे पूरे हो चुके हैं। उन्होंने बार-बार सरकार के कामों पर अंगुली उठाने वाले विपक्ष से पूछा कि जब सरकार बनाने का मौका मिला था तब जनता से किए वायदे कितने फीसदी पूरे किए थे।
कोविड-19 के चलते पीएम मोदी ने बड़े कदम उठाए। जहां दुनिया के राष्ट्र प्रमुख लॉकडाउन को लेकर 50 बार सोचते रहे और फैसला नहीं ले सके। वहीं, पीएम मोदी ने लॉकडाउन का साहसिक कदम उठाया और लाखों लोगों के जीवन को बताया।
निश्चित ही उनके अगुवाई में भारत कोविड को हराएगा। भारत एक बार फिर दुनिया को संजीवनी देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तीन साल से अधिक कार्यकाल हो चुका है।
भाजपा ने वर्ष 2017 के घोषणा पत्र में जो वादे किए थे, उनमें से 85 फीसदी वादे पूरे कर लिए हैं। कहा कि जब विपक्ष को सरकार बनाने का मौका मिला तो वह 20 फीसदी वादे तक पूरा नहीं कर पाए थे। पलायन पर बहुत बातें हुई, लेकिन किसी भी सरकार ने कोई काम नहीं किया। अगर काम हुआ तो उनकी इस सरकार में।
भ्रष्टाचार को लेकर अंगुली नहीं उठा सकता
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उनकी सरकार पर कोई भ्रष्टाचार को लेकर अंगुली नहीं उठा सकता। बार-बार कहा जाता है कि लोकायुक्त का गठन क्यों नहीं किया गया।
उनका मानना है कि कोई ऐसा काम ही मत करो कि लोकायुक्त की जरूरत पड़े। वे लोकायुक्त के विरोधी नहीं हैं। इसका गठन करना कोई बड़ी बात नहीं है। उनकी सरकार ने जनता को विश्वास दिलाया कि भष्टाचार मुक्त सरकार भी चलाई जा सकती है।
कोविड नियंत्रण को पर्याप्त बजट
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास कोविड-19 के नियंत्रण के लिए पर्याप्त बजट है। अभी सरकार बजट का दसवां हिस्सा भी खर्च नहीं पाई है।
राज्य में 17,000 बेड कोविड केयर सेंटर में तैयार किए गए जबकि हर जिले में आईसीयू की सुविधा के साथ ही इस अवधि में 400 डाक्टरों की भर्ती भी कराई।
उन्होंने माना कि मौतें हो रही हैं कुछ अन्य रोगों व कुछ कोविड की वजह से। उन्होंने फिर लोगों से अपील की है कि ऐसे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए विवाद खड़ा न करें।
साफ किया किया को कोविड संक्रमित मृतक को पहले संक्रमित रहित किया जाता है। इसके बाद ही प्रशिक्षित लोगों से अंतिम संस्कार कराया जाता है। उन्होंने इस दौरान कार्यकर्ताओं की भूमिका की सराहना की।