मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पुलिस शहीद कोष के लिए 75 लाख रुपए और पुलिस में वर्दी भत्ते में एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की घोषणा की

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पुलिस शहीद कोष के लिए 75 लाख रुपए और पुलिस में वर्दी भत्ते में एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की घोषणा की

बुधवार को पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति परेड को संबोधित करते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का अहम योगदान है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मी अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पुलिस शहीद कोष के लिए 75 लाख रुपए और पुलिस में सहायक उपनिरीक्षक और निरीक्षकों के वर्दी भत्ते में एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। दोपहर बाद में गृह विभाग ने इसके आदेश भी जारी कर दिए।

सीएम ने पुलिस शहीद कोष के लिए  75 लाख की राशि स्वीकृत करने और  सहायक उपनिरीक्षक और निरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मियों के वर्दी भत्ते में 1000 रुपए की वृद्धि की भी घोषणा की। इस अवसर पर सीएम ने पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीद सिपाही संजय कुमार के परिजनों को भी सम्मानित किया।

समारोह में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक हरवंश कपूर, मुन्ना सिंह चौहान, उमेश शर्मा काऊ, विनोद चमोली, गणेश जोशी, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार, एसीएस राधा रतूड़ी, डीआईजी अरुण मोहन जोशी भी उपस्थित हुईं। कार्यक्रम का संचालन उपनिरीक्षक पूनम प्रजापति और फायरमैन मनीष ने किया।

इस मौके पर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के 15 हजार फीट ऊॅंचे बर्फीले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इसी लिए प्रत्येक साल 21 अक्तूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। डीजीपी ने बताया कि गत वर्ष पूरे देश में राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के कुल 265 कर्मी शहीद हुए, इसमें उत्तराखंड के छह पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष से पुलिस स्मृति दिवस को पुलिस झंड़ा दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है।

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