हिमालयी विषम भौगोलिक परिस्थितियां, पर्यावरणीय प्रतिबंध उत्तराखंड के आगे बढ़ने की इच्छा के आड़े आते रहे हैं। आत्मनिर्भर उत्तराखंड अब मिशन के रूप में इन सभी चुनौतियों का डटकर सामना करेगा। यह काम समयबद्ध तरीके से पांच साल के भीतर किया जाएगा। नियोजन विभाग का सेंटर फार पब्लिक पालिसी एंड डेवलपमेंट प्रकोष्ठ संवाद श्रृंखला को ‘बोधिसत्व’ कार्यक्रम के माध्यम से संचालित कर रहा है। इस दौरान मिलने वाले सुझावों के आधार पर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की समयबद्ध कार्ययोजना बनाई जाएगी।
2025 तक आत्मनिर्भर उत्तराखंड का मिशन जल्द मूर्त रूप लेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से रखे गए इस लक्ष्य को पाने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ठोस कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं। सोमवार को धामी सभी जिलों के युवाओं, महिलाओं, स्वैच्छिक संगठनों समेत पांच हजार व्यक्तियों से आनलाइन और आफलाइन संवाद करेंगे। संवाद के माध्यम से मिलने वाले सुझावों के बूते राज्य की आर्थिकी मजबूत करने और बेरोजगारी से निपटने के साथ ढांचागत विकास की समयबद्ध रणनीति बनेगी। नीति आयोग इस रणनीति को धार देने में राज्य की मदद करने जा रहा है।
27 नवंबर को नीति आयोग के साथ नीति नियोजन से जुड़ी केंद्रीय संस्थाओं के विशेषज्ञ एवं राज्य के नौकरशाह वर्चुअल बैठक में शामिल होंगे। नीति आयोग इस कार्ययोजना को अंतिम रूप देने में राज्य सरकार को सहयोग देने पर सहमत हो चुका है। आयोग से मिलने वाली संस्तुतियों के आधार पर छह बिंदुओं पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इनमें आर्थिकी व रोजगार, ढांचागत विकास, सामाजिक अवस्थापना विकास पर विशेष जोर रहेगा। साथ में सीमांत क्षेत्रों में शिक्षा, आजीविका जैसे जरूरी संसाधनों की उपलब्धता, जलवायु परिवर्तन व प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और तकनीक आधारित सेवा निस्तारण का उपयोग कर सुशासन भी कार्ययोजना के महत्वपूर्ण अंग होंगे।
नियोजन विभाग में निदेशक मनोज पंत ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी अपने आवास में सोमवार सुबह 10 बजे से बोधिसत्व कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसमें युवाओं, महिलाओं और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ प्रदेश के चहुंमुखी विकास को संवाद स्थापित किया जाएगा, ताकि पारिस्थितिकी एवं आर्थिकी पर आधारित विकास माडल तैयार किया जा सके।