प्रदेश में विकास प्राधिकरणों पर मुख्यमंत्री सीएम त्रिवेंद्र रावत लेंगे अंतिम फैसला
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को लेकर सरकार को पर्वतीय जनपदों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस विषय पर विधायकों की रिपोर्ट आवास विभाग को मिल चुकी है, जिस पर विभागीय कमेटी की राय भी आ गई है।
नवगठित जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों का क्षेत्र घटाने पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे। शुक्रवार को आवास मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस विषय पर प्राप्त विधायक और विशेषज्ञ समिति की बैठक पर विचार किया गया, जिस पर अंतिम निर्णय के लिए सीएम को अधिकृत किया गया।
आपका प्रिय अखबार हिन्दुस्तान पूर्व में इस रिपोर्ट का खुलासा कर चुका है। अब इन तमाम रिपेार्ट पर शुक्रवार को आवास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विचार हुआ।
कमेटी ने पहाड़ी जिलों में विकास प्राधिकरण को शहरी निकायों ओर पूर्व में अधिसूचित क्षेत्रों तक सीमित रखने के लिए कहा है। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ के साठ मीटर के दायरे को ही प्राधिकरण में शामिल रखने को कहा है।
मौजूदा दूरी दो सौ मीटर है। आवास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि उक्त रिपोर्ट अब सीएम के सामने रखी जाएगी। सीएम स्तर से ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।