टिहरी। राजकीय इण्टर कालेज मरोड़ा (सकलाना) का सात दिवसीय एनएसएस का विशेष शिविर का समापन जन जागरूकता नाटकों व गीतों से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी मयंक चावला, मंजू चावला, विशिष्ट अतिथि प्रधान जुप्पल सिंह, सरिता रावत, सरोप सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह हटवाल व सभा की अध्यक्षता एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चन्द्र सोनी ने की।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर एनएसएस के स्वयं सेवियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों व मतदाता नुक्कड़ नाटकों व गीतों से जन जन को जागरूक व प्रेरित किया। मुख्य अतिथि मयंक चावला ने छात्रों को आनेवाले समाज का निर्माण करता कहते हुए उनसे लगन, मेहनत व जिम्मेदारी से कार्य करने को कहा। मंजू चावला ने छात्राओं को पहाड़ की रीढ़ की हड्डी कहा क्योंकि जो अपने पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारी को निभाती हैं, उन्होंने बच्चों को अपने मधुर कंठ से एक देशप्रेम गीत भी सुनाया। प्रधान गणों ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए सहयोग करने की बात कही।
कार्यक्रम अधिकारी पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी ने सभी अतिथियों को एनएसएस प्रतीक चिन्ह का बैच व बुराँस के फूलों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। अपने संबोधन में वृक्षमित्र डॉ. सोनी ने कहाकि प्रकृति ने हमे कई चीजें उपहार में दी हैं हमे उन्हें लोगो तक पहुचाना होगा ताकि इन प्राकृतिक संसाधनों से गांव के लोगो को रोजगार मिल सके इसलिए मैंने अपने एनएसएस के स्वयंसेवियों से भेंट स्वरूप बुराँस के गुलदस्ते बनाए ताकि बाजार में स्थानीय उत्पादन पहुच सके। इन सात दिनों में हमने गांव की सफाई, स्वच्छता, मतदाता, पोलियो, छात्रसंख्या बढ़ाने, नवीन प्रवेश कराने के लिए विशाल जन जागरूकता रैली निकाल कर जागरूक व जन जन को प्रेरित किया। डॉ. सोनी ने कहा छात्रों के जीवन को खुशहाल व उद्देश्य पूर्ण बनाना मेरा परम कर्तव्य हैं।
कार्यक्रम के बेस्ट स्वयसेवी का पुरस्कार सुरजा व यशपाल सिंह को दिया तथा अंजली, पायल, हिमांशी, जमना, निर्मला, मनीषा, पूजा, कृष्णा, रामप्यारी, प्रवीण, सुशील, सूरज, मनदीप, रजत, बीरसिंह, आशीष, धीरेंद्र व आंगनवाड़ी कार्यकत्री नीता देवी, सहित 10 ग्रामीणों, 30 स्वयंसेवियों को प्रशिस्त पत्र व पानी पीने की एक बोतल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कमला विरमानी, अनुपमा तोमर, प्रकृति, संजीव भट्ट, निखिल तोमर, सक्षम भट्ट, निश्चल, जुरा मिस्त्री, ज्ञानदेई, बरदेई, शांती देवी, मायादेवी व अन्य लोग सम्मलित हुए।