देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के साथ ही बचाव व जागरुकता पर भी जोर दिया जा रहा है। इस बीच दून के एक निजी अस्पताल में कोरोना का मरीज आने का लेटर वायरल होने के बाद लोगों में एकाएक बेचैनी बढ़ गई है। यही वजह रही कि शहर में मास्क, सैनेटाइजर आदि अब आसानी से नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में जिलाधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बैठक लेकर अफसरों को इन सामानों की कालाबाजारी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में अब औषधि नियंत्रक ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कोरोना का प्रदेश में अभी कोई मामला तो नहीं आया, पर लोगों में इसे लेकर खौफ है। ऐसे में लोगों ने सुरक्षात्मक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यही कारण है कि मास्क, सेनिटाइजर आदि की एकाएक डिमांड बढ़ गई है। इनकी कालाबाजारी बढ़ने की आशंका के मद्देनजर राज्य का औषधि नियंत्रण विभाग भी सक्रिय हो गया है। औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने शुक्रवार को जिलों को सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई मेडिकल स्टोर इस तरह के कार्यों में लिप्त पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को ताकीद किया है कि उनको अपने जिले के ड्रग इंस्पेक्टर का फोन नंबर अनिवार्य रूप से दुकान पर डिस्पले करना होगा। अगर कोई ग्राहक शिकायत करना चाहता है तो इस नंबर पर संपर्क कर सकता है।
कोरोना का प्रदेश में अभी कोई मामला तो नहीं आया, पर लोगों में इसे लेकर खौफ है। ऐसे में लोगों ने सुरक्षात्मक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। यही कारण है कि मास्क, सेनिटाइजर आदि की एकाएक डिमांड बढ़ गई है। इनकी कालाबाजारी बढ़ने की आशंका के मद्देनजर राज्य का औषधि नियंत्रण विभाग भी सक्रिय हो गया है। औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने शुक्रवार को जिलों को सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई मेडिकल स्टोर इस तरह के कार्यों में लिप्त पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को ताकीद किया है कि उनको अपने जिले के ड्रग इंस्पेक्टर का फोन नंबर अनिवार्य रूप से दुकान पर डिस्पले करना होगा। अगर कोई ग्राहक शिकायत करना चाहता है तो इस नंबर पर संपर्क कर सकता है।
दरअसल, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के साथ ही बचाव व जागरुकता पर भी जोर दिया जा रहा है। इस बीच दून के एक निजी अस्पताल में कोरोना का मरीज आने का लेटर वायरल होने के बाद लोगों में एकाएक बेचैनी बढ़ गई है। यही वजह रही कि शहर में मास्क, सैनेटाइजर आदि अब आसानी से नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में जिलाधिकारी डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बैठक लेकर अफसरों को इन सामानों की कालाबाजारी रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में अब औषधि नियंत्रक ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
बाजार में अभी भी मास्क और सैनेटाइजर आदि की किल्लत बनी हुई है। तमाम कैमिस्ट शॉप पर लोगों को आसानी से मास्क आदि नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं, सर्दी-जुकाम से ग्रसित लोगों की एकाएक मेडिकल की दुकानों पर एंटी कोल्ड दवाएं लेने की संख्या बढ़ने लगी है।