इंदौर। महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की अटकलों के बीच पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता संजय जगदाले ने शुक्रवार को कहा कि हालांकि भारतीय टीम के पास 38 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज का सही विकल्प तुरंत मौजूद नहीं है, लेकिन चयन समिति को धोनी से मिलकर भविष्य के बारे में उनके मन की थाह लेनी चाहिये। जगदाले ने कहा कि धोनी एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उन्होंने भारतीय टीम के लिये हमेशा नि:स्वार्थ क्रिकेट खेला है। मेरे मत में भारतीय टीम के पास विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अभी धोनी का उपयुक्त विकल्प तुरंत मौजूद नहीं है।
ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि टेस्ट प्रारूप से पहले ही संन्यास ले चुके धोनी ने अपना अंतिम वनडे खेल लिया है जो विश्व कप में भारत का सेमीफाइनल था और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गये इस अहम मुकाबले में विराट कोहली की टीम को हार का मुंह देखना पड़ा था। इन कयासों पर बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने कहा, अपने संन्यास के बारे में फैसला करने के लिये हालांकि धोनी खुद परिपक्व हैं। लेकिन चयनकर्ताओं को उनसे मिलकर उसी तरह पता करना चाहिये कि पेशेवर भविष्य को लेकर उनके दिमाग में क्या चल रहा है, जिस तरह सचिन तेंदुलकर के संन्यास से पहले उनसे बात की गयी थी।
उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं को धोनी को यह भी बताना चाहिये कि वे भविष्य में उन्हें किस भूमिका में देखना चाहते हैं। जगदाले ने इस बात को खारिज किया कि विश्व कप में धोनी ने धीमी बल्लेबाजी की। बीसीसीआई के पूर्व सचिव ने कहा, विश्व कप में धोनी मैचों के हालात और भारतीय टीम की जरूरतों के मुताबिक ही खेल रहे थे। सेमीफाइनल में भी वह सही रणनीति के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे। दुर्भाग्य से वह निर्णायक क्षणों में रन आउट हो गये।
उन्होंने धोनी का बचाव करते हुए कहा कि यह कहना बेहदगलत होगा कि धोनी एक क्रिकेटर के रूप में चुक गये हैं। 38 साल की उम्र में किसी भी खिलाड़ी से उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह उसी ऊर्जा और आक्रामकता के साथ खेलेगा, जैसा वह अपनी युवावस्था में खेलता था। वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक ने कहा कि धोनी की आलोचना कुछ ऐसे पूर्व क्रिकेटर भी कर रहे हैं जो अपने करियर के दौरान अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते थे। सच्चे खिलाड़ी धोनी की असली कीमत जानते हैं। जगदाले ने हालांकि कहा कि भारतीय टीम की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में ऋषभ पंत (21) लगातार मौके दिये जाने चाहिये। उन्होंने जोर देकर कहा, पंत को विश्व कप से पहले ही भारत की वन डे टीम में धोनी के साथ शामिल किया जाना चाहिये था। धोनी के साथ खेलकर पंत बहुत कुछ सीख सकते थे।