नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के चेयरमैन एसएस संधू ने सोमवार को 206 किलोमीटर लंबे हाईवे निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। एनएचएआई के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि चार लेन का हाईवे बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी घटेगी साथ जाम से भी निजात मिलेगी।
देहरादून से दिल्ली के बीच प्रस्तावित इकोनामिक कॉरिडोर को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। इसके निर्माण के बाद दिल्ली और देहरादून के बीच ढाई घंटे में सफर पूरा हो सकेगा।
यह एक्सप्रेस-वे सहारनपुर बागपत से दिल्ली तक जुड़ेगा। हाईवे का सबसे मुश्किल हिस्सा गणेशपुर से देहरादून के बीच का है। इस क्षेत्र में इको सेंसिटिव जोन और राजाजी नेशनल पार्क का बड़ा हिस्सा आता है। यहां पेड़ काटे बिना हाईवे बनाने की चुनौती है। इसके लिए नदी के ऊपर एलिवेटेड रोड और सुरंगों के माध्यम से हाईवे बनेगा।
संधू ने बताया कि शीघ्र ही राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य शुरू होगा। राजमार्ग बनने से दिल्ली और देहरादून की दूरी मात्र ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी। राजमार्ग का कुछ भाग उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वन और वन्यजीव क्षेत्र से होकर गुजरता है। इसके लिए वन की अनापत्ति राज्यों को मुहैया करवानी है।
एनएचएआई ने हाईवे निर्माण को वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। एनएचएआई के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, लोक निर्माण, वन और अन्य विभागों के साथ भी बैठक की।
तीन सेक्शन में बंटा हाईवे
1. अक्षरधाम से ईपीई जंक्शन (सेक्शन 1 : 31 किमी) – 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 13 किलोमीटर चौड़ीकरण, लागत 3300 करोड़ रुपये।
2. ईपीए जंक्शन से सहारनपुर बाईपास (सेक्शन 2 : 118 किमी) – ग्रीनफील्ड के तौर पर विकसित होगा, लागत पांच हजार करोड़ रुपये।
3. गणेशपुर से देहरादून (सेक्शन 3: 19 किमी) – एलिवेटेड, सुरंग और चौड़ीकरण से बनेगा यह हिस्सा, लागत 16 सौ करोड़ रुपये।
नोट – सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर (37 किमी) – फोर लेन का कार्य चल रहा है।