साल के अंत तक  हरिद्वार के 602 गांवों के ग्रामीणों को मिलेगा संपत्ति का स्वामित्व

साल के अंत तक  हरिद्वार के 602 गांवों के ग्रामीणों को मिलेगा संपत्ति का स्वामित्व

नौ अक्तूबर को जिले में स्वामित्व योजना का नोटिफिकेशन होने के बाद प्रशासन के अधिकारी साल के अंत तक 602 गांवों के लाखों ग्रामीणों को प्रॉपटी कार्ड मुहैया कराने की कवायद में जुटे हैं। योजना के नोडल अधिकारी एवं एडीएम वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने बताया कि नगर निगम, नगर पालिका, नगरपंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव योजना में शामिल नहीं हैं।

केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के तीन जिलों में शामिल हरिद्वार के 602 गांवों के लाखों ग्रामीणों को दिसंबर अंत तक संपत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा। 20 गांवों में योजना के पांचवें चरण के तहत ड्रोन सर्वे का काम पूरा हो गया है। इस काम को राजस्व और पंचायतीराज विभाग मिलकर अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं।

ग्राम पंचायतों में शामिल 602 गांवों में काम शुरू कर दिया गया है। 20 गांवों में पांचवें चरण के तहत ड्रोन सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। इसमें नूरपुर, पंजनहेड़ी, खेड़ी खाता आदि शामिल हैं। अन्य गांवों में विभिन्न चरणों के तहत होने वाले कार्य शुरू हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर के अंत तक सभी गांवों के ग्रामीणों को प्रॉपटी कार्ड देने की पूरी कोशिश है। अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

सात चरणों में पूरी होगी योजना

एडीएम केके मिश्र ने बताया कि वॉल पेटिंग और नुक्कड़ नाटक के जरिये योजना का प्रचार प्रसार किया जाएगा। गांव में बैठकें कर ग्रामीणों को योजना की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद चूनाकरण और फिर सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। मैपिंग में रिकॉर्ड दर्ज होने के बाद ग्रामीणों की आपत्ति लेने के बाद सुनवाई होगी। इसके बाद कार्ड जारी किए जाएंगे।

योजना का मकसद गांव में रहने वाले लोगों को उनके घरों की भूमि के दस्तावेज उपलब्ध कराना है। डीपीआरओ रमेश चंद त्रिपाठी ने बताया कि गांव में कुछ भूमि ऐसी है, जिस पर ग्रामीण पीढ़ी दर पीढ़ी रहते आ रहे है, लेकिन भूमि का उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है। भूमि पर स्वामित्व के हक के लिए उनको प्रॉपर्टी कार्ड दिए जाएंगे। इसके बाद प्रॉपटी को लेकर विवाद भी खत्म हो जाएंगे।

1. संपत्ति का टैक्स के दायरे में आना और टैक्स वसूलना संभव होगा।
2. इस आमदनी से पंचायतें ग्रामीण नागरिकों को बेहतर सुविधा दे पाएंगी।

1. संपत्ति के मालिक को मालिकाना हक प्राप्त होगा।
2. ग्रामीण अपनी संपत्ति का वित्तीय उपयोग ऋण लेने में सक्षम होंगे।
3. गांव के आवासीय क्षेत्र का रिकॉर्ड पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे।

शुक्रवार को पंचायतीराज विभाग की ओर से रुड़की ब्लॉक के तांशीपुर, भारापुर और भौरी में चूनाकरण किया गया। डीपीआरओ रमेश चंद त्रिपाठी ने बताया कि योजना को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।

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