बुरे दौर ने मजबूत बनाने में मदद की: रहमान

मुंबई। संगीतकार ए आर रहमान की प्रतिभा सामने आने से पहले उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब वह खुद को असफल मानते थे और लगभग हर दिन खुदकुशी के बारे में सोचा करते थे। ऑस्कर विजेता संगीतकार ने कहा कि उनके करियर के शुरूआती दिनों में बुरे दौर ने उन्हें मजबूत बनाने में मदद की।

रहमान ने कहा, ‘‘25 साल तक, मैं खुदकुशी करने के बारे में सोचता था। हम में से ज्यादातर महसूस करते हैं कि यह अच्छा नहीं है। क्योंकि मेरे पिता का इंतकाल हो गया था तो एक तरह का खालीपन था… कई सारी चीजें हो रही थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘(लेकिन) इन सब चीजों ने मुझे और अधिक निडर बना दिया। मौत निश्चित है। जो भी चीज बनी है उसके इस्तेमाल की अंतिम तिथि निर्धारित है तो किसी चीज से क्या डरना।’’

 संगीतकार ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम : द ऑथराइज्ड बॉयोग्राफी ऑफ ए आर रहमान’ में अपने मुश्किल दिनों और अन्य घटनाओं के बारे में बात की।इस किताब को कृष्ण त्रिलोक ने लिखा है। पुस्तक का विमोचन शनिवार को यहां किया गया।

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