वाशिंगटन। एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के अपने प्रयासों के बीच अमेरिका चाहता है कि भारत अपने आस-पड़ोस में विकास सहायता और बुनियादी ढांचा विकास में अग्रणी भूमिका निभाए। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है। दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों की वरिष्ठ ब्यूरो अधिकारी एलीस जे वेल्स ने कहा कि अमेरिका भारत की विकास चुनौतियां भी जानता है और वह इन मुद्दों के समाधान तथा श्रेष्ठ पद्धतियों की पहचान के लिए उसके साथ साझेदारी जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा समय में हम भारत को अपने आस – पड़ोस में विकास सहायता और बुनियादी ढांचा विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका को एशिया चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत की जरूरत है ताकि इस क्षेत्र में वह अपना प्रभाव मजबूत कर पाए।
अफगानिस्तान को आर्थिक मदद मुहैया कराने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए उन्होंने भारत – प्रशांत क्षेत्र में जापान और भारत के साथ बुनियादी ढांचा विकास में सहयोग के लिए त्रिपक्षीय संबंध की संभावना तलाशने की उम्मीद जताई की। उन्होंने कहा कि हम इस पूरे क्षेत्र में उच्च स्तर की विकास प्रथा को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ भागीदारी जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस क्षेत्र की यात्रा के दौरान भारत प्रशांत रणनीति की घोषणा से पूरे तंत्र को ताकत मिलेगी और इस क्षेत्र के राष्ट्रों की राजनीतिक, आर्थिक संप्रभुता की रक्षा होगी। यह रणनीति समुद्र से आकाश तक स्वतंत्रता को मजबूती प्रदान करेगी साथ ही बाजार अर्थव्यवस्था,पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देगी। वर्ष 2019 में अमेरिका के विदेश विभाग ने साझी सुरक्षा चुनौतियों के समाधान तथा स्वास्थ्य, पानी एवं स्वच्छता जैसे प्राथमिकता वाले विकास क्षेत्रों में दीर्घकालिक संपोषणीयता के संवर्धन के संबंध में भारत के लिए 4.21 करोड़ डॉलर का अनुरोध किया है। वेल्स ने कहा, ‘‘ भारत भारत – प्रशांत क्षेत्र में अहम नेतृत्वकर्ता तथा ट्रंप प्रशासन की भारत – प्रशांत रणनीति एवं उसकी दक्षिण एशिया रणनीति के लिए अहम है।