उत्तराखंड में हर घर में पहुंचेगा ब्रॉडबैंड, नहीं होगी इंटरनेट की दिक्कत
34.5 हजार किमी ओएफसी बिछाई जानी है। दुर्गम भूगोल के कारण राज्य में अभी इंटरनेट की पहुंच सीमित है। करीब पांच सौ गांवों में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, जबकि इंटरनेट की औसत स्पीड भी 512 केबीपीएस है।
आने वाले दिनों में राज्यभर में टेलीकॉम नेटवर्क में सुधार होने की उम्मीद जगी है। केंद्र सरकार ने नेशनल ब्रॉड मिशन के तहत 2022 तक राज्य के सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (ओएफसी) के जरिए ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है।
आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में इंटरनेट की भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार ने नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन प्रारंभ किया है। राज्य में इस काम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट ब्रॉडबैंड कमेटी का गठन किया गया है।
गत दिनों मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई कमेटी की बैठक में राज्य में 2022 तक हर गांव में ब्रॉडबैंड की उपलब्धता सुनिश्चित करके औसत नेट स्पीड 50 एमबीपीएस तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया। इस कमेटी ने 2022 तक यहां सभी सरकारी भवनों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन देने का निर्णय लिया है।
स्टेट ब्रॉडबैंड कमेटी ने 2022 तक राज्य की उच्च शिक्षित लोगों की आबादी वाली एक हजार कॉलोनियों में फिक्स लाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
ओएफसी नेटवर्क को मजबूत करने के लिए बिजली के खंभे को इस्तेमाल किए जाने पर शुल्क में राहत दी जा सकती है। इसके साथ ही मोबाइल टावर लगाने में आने वाली अड़चन को दूर किया जाएगा।
अभी राज्य में प्रति दस हजार की आबादी पर 4.2 मोबाइल टावर हैं, जिसे अगले पांच साल में 7.2 किया जाना है। आईटी सचिव आरके सुधांशु के मुताबिक, तेज गति के इंटरनेट से कई तरह की आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं। इसलिए ब्रॉडबैंड मिशन पर प्राथमिकता के साथ काम किया जा रहा है।