कोरोना केसों में लगी ब्रेक तो बरसाती मौसम में जकड़ रहा है वायरल फीवर
दून अस्पताल में करीब पंद्रह दिन पहले जहां ओपीडी रोजाना 700 से 900 तक थी। पंजीकरण प्रभारी विनोद नैनवाल के मुताबिक अब मरीजों की संख्या 1300 से ऊपर पहुंच रही हैं। 1200 से ज्यादा लोग जांच करा रहे हैं। रोजाना 60 लोगों को भर्ती किया जा रहा है। कोरोनेशन में ओपीडी 700 से 800 तक पहुंच रही है। वरिष्ठ फिजीशियन डा. अंकुर पांडेय, डा. कुमार जी कौल के मुताबिक ओपीडी में वायरल फीवर, पेट में दिक्कतों को लेकर मरीज ज्यादा आ आ रहे हैं।
देहरादून सहित प्रदेश के कई शहरों में कोरोना के केस अब न के बराबर रह गये हैं। अब दून में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। स्थिति यह है कि दून एवं कोरोनेशन अस्पताल समेत रायपुर प्रेमनगर एवं निजी अस्पतालों में मेडिसन विभाग की ओपीडी में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या कुल ओपीडी की 25 फीसदी है। डाक्टर यहां एहतियातन डेंगू, मलेरिया और कोरोना की जांच करा रहे हैं।
बदन दर्द, जुकाम जैसी भी समस्याएं हैं। डेंगू, मलेरिया, एलएफटी, केएफटी समेत कोरोना जांच भी कराई जा रही हैं। एमएस डा. केसी पंत कहते हैं कि ओपीडी में मेडिसन, ऑर्थो एवं स्किन में सबसे ज्यादा मरीज दिखाने आ रहे हैं। जांच की संख्या भी बढ़ी है। बच्चों का रखें विशेष ध्यान: गांधी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रताप रावत, दून अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डा. तन्वी सिंह, डा. आयशा इमरान, डा. विशाल कौशिक कहते हैं कि ओपीडी एवं आईपीडी में बाल मरीजों की संख्या बढ़ी है।
स मौसम में बच्चों को सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है। इसलिए एतिहात बरतने की ज्यादा जरुरत है। वह कहते हैं कि पेट दर्द, बुखार, जुकाम पीड़ित बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। डॉक्टर सलाह देते है कि ऐसे में अभिभावक बच्चों का खास ख्याल रखें। उन्हें ताजा खाना दें, खाने को ढ़ककर रखें एवं उबला हुआ पानी पिलाएं। हल्का खाना दें और बारिश में न भीगने दें।
दून अस्पताल के मेडिसन एचओडी डा. नारायणजीत सिंह कहते हैं कि घर के आसपास साफ-सफाई रखें, बासी भोजन और बाजार से खुली चीजें खरीदकर खाने से परहेज करें। सभी गुनगुना पानी का सेवन करें। मच्छरों से बचने का उपया करें।
जिला अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अनिल आर्य, दून अस्पताल में त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. भव्या संगल ने बताया कि बरसात के मौसम में चर्म रोगों में बढोत्तरी हो जाती है। बरसात के मौसम में हल्की बूंदाबांदी में भीगने के बाद त्वचा को नुकसान हो सकता हैं। वहीं छोटी सी लापरवाही कई बार फंगस से संक्रमित होने का कारण बन जाती है। स्किन की ओपीडी में इन दिनों 20 से 30 फीसदी मरीज बढ़े हैं। कहा कि अपने हाथ, चेहरे और पैरों को समय-समय पर साफ करते रहें। दिन में दो बार किसी अच्छे फेस वॉश से चेहरा साफ करें।
वरिष्ठ टायटीशियन खुशबु वर्मा एवं ऋचा कुकरेती डोबरियाल कहती हैं कि शरीर में पानी की कमी न होने दें। पानी में कीटाणु की समस्या अधिक होती है। साफ, छानकर, उबला हुआ पानी ही पीएं। बासी खाना नहीं खाना चाहिए। ताजा और गर्म भोजन करें। फ्रिज में रखा हुआ खाना भी निकालने के बाद सामान्य तापमान होने पर गर्म करके खाएं। मक्का, चना, बेसन, नीम, करेला आदि का सेवन करना चाहिए। शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलेगा और आपका इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग होगा। आचार, इमली की चटनी आदि कम लें।
मौसम में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में अस्पतालों में वायरल इंफेक्शन के मरीज बढ़ रहे हैं। शहर के प्रमुख डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल और बेस अस्पताल के मेडिसिन विभाग में आ रहा हर तीसरा मरीज सर्दी, खांसी या वायरल फीवर से पीड़ित है। इनमें सबसे ज्यादा खांसी-जुकाम के मरीज हैं।एसटीएच के मेडिसिन विभाग के मुताबिक रोजाना 200 से ज्यादा ओपीडी हो रही है। यहां आ रहे मरीजों में से करीब 80 लोग वायरल फीवर, खांसी-जुकाम से पीड़ित हैं।
इनके अलावा रुटीन चेकअप और बीपी, शुगर के मरीज आ रहे हैं। बेस अस्पताल की बात करें तो यहां मेडिसिन विभाग की ओपीडी में 150 लोग आ रहे हैं। इनमें 40 से 50 वायरल इंफेक्शन वाले ही हैं। डॉक्टरों की मानें तो बीते 10 से 15 दिन में ऐसे मरीज बढ़ गए हैं। मौसमी इंफेक्शन से ग्रस्त होकर अस्पताल आने वाले 140 से ज्यादा मरीजों में 30-40 बच्चे भी हैं। कोविड की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच लोग चिंतित भी हैं। हालांकि, डॉक्टर मरीजों को कोविड नियमों का पालन करने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को एमबीबीएस प्रथम वर्ष की 5 और छात्राओं के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। पूरे जिले में कुल 8 पाए गए हैं, जबकि दो लोगों को स्वस्थ घोषित किया गया है। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या 26 पहुंच गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि बुधवार को 20 छात्राओं के सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए वायरोलॉजी लैब भेजे गए थे। इनमें से 5 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन छात्राओं को एसटीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया है। प्राचार्य डॉ. जोशी ने बताया कि संबंधित छात्रावास में 125 छात्राएं रह रही हैं। सभी की कोरोना जांच होगी।
मौसम में बदलाव के बीच वायरल इंफेक्शन सामान्य होता ही है। इस समय भी मौसम में बदलाव का दौर है। लेकिन वायरल फीवर और खांसी-जुकाम से ग्रस्त होने पर कई लोग अस्पताल आने से कतरा रहे हैं। वे डॉक्टर से परामर्श के बजाए मेडिकल स्टोरों से दवा लेकर खुद ही ट्रीटमेंट कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग कोरोना वैक्सीनेशन ने तेजी लाने की तमाम कोशिश कर रहा है। गुरुवार को 20300 लोगों को वैक्सीनेशन केंद्रों और मोबाइल टीम के माध्यम से वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन 65 स्थानों पर सिर्फ 6666 लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई। तय लक्ष्य से करीब 30 फीसदी लोगों ने ही टीका लगाया। इधर, शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने 39 केंद्रों और 36 मोबाइल टीमों के माध्यम से 20300 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।