एमपी में ब्लैक फंगस महामारी घोषित, अस्पतालों के लिए गाइडलाइन लागू
ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने से निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन लागू हो गई है। इसके अलावा इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति केंद्र और राज्य स्तर से सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में अभी पांच मेडिकल कॉलेजों में इस बीमारी का उपचार किया जा रहा है।
ब्लैक फंगस को मध्यप्रदेश में महामारी घोषित कर दिया गया है। यह घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस बीमारी के उपचार की अच्छी से अच्छी व्यवस्था की जाएगी। मरीजों के लिए एम्फोटैरिसिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मध्यप्रदेश में कोरोना के नए मरीजों के मुकाबले स्वस्थ होने वालों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 4,384 नए मरीज मिले हैं, जबकि स्वस्थ होने वालों की संख्या 9,405 रही। इस वजह से सक्रिय मरीजों की संख्या भी हर दिन पांच से लेकर छह हजार तक कम हो रही है।
मौजूदा स्थिति में प्रदेश में 67,625 सक्रिय मरीज हैं। इनमें करीब 65 फीसद होम आइसोलेशन में हैं। बाकी का निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
सक्रिय मरीजों की संख्या कम होने से सबसे बड़ी राहत यह मिली है कि अब निजी और सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों को आसानी से आइसीयू और ऑक्सीजन बेड मिल पा रहे हैं।
कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवार को सरकार देगी एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि
कोरोना संकट से शोक संतृप्त परिवारों के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में जिस परिवार में मृत्यु हुई है, उस परिवार को राज्य सरकार की ओर से एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।