मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पहली कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला, कोरोनाकाल में दर्ज केस होंगे वापस

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की पहली कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला, कोरोनाकाल में दर्ज केस होंगे वापस

मीडिया से बातचीत में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि विकास प्राधिकरणों पर 2016 की स्थिति बहाल कर दी गई है। इसके साथ ही नए गठित विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने पर रोक लगा दी गई है। 2016 से पहले के गठित विकास प्राधिकरण पहले की तरह काम करते रहेंगे। इसके साथ ही पूरे प्रकरण की समीक्षा के लिए कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में उप समिति का गठन किया गया है। जिसमें कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और सुबोध उनियाल को शामिल किया गया है।
लॉकडाउन के दौरान दर्ज मुकदमें वापस लेने पर सहमति बनी |

तीरथ कैबिनेट की पहली बैठक में नए गठित जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों को स्थगित कर दिया गया है। इन प्राधिकरणों में तत्काल प्रभाव से नक्शा पास कराने पर रोक लगाते हुए, पूर्व की स्थिति बहाल कर दी गई है। त्रिवेंद्र सरकार के समय ही 2017 में नौ नए जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों का गठन हुआ था।शुक्रवार शाम को मंत्रीमंडल गठन के तत्काल बाद बीजापुर गेस्ट हाउस में तीरथ मंत्रीपरिषद की पहली बैठक हुई। जिसमें नवगठित जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों को स्थगित करने के साथ ही, कोरोना लॉकडाउन के दौरान आपदा प्रबंधन एक्ट और महामारी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें वापस लेने पर सहमति बनी।

तीरथ सरकार ने लॉकडाउन की अवधि में आपदा प्रबंधन एक्ट और महामारी एक्ट के तहत दर्ज सभी मुकदमें वापस लेने का निर्णय लिया है। इन मुकदमों की संख्या करीब 4800 है। मुख्य सचिव ने बताया कि इस दौरान प्रवासियों सहित कई लोगों पर लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमें दर्ज हुए थे। उन्होंने बताया कि इस बीच कुछ लोगों के मुकदमें वापस भी हो रहे थे, लेकिन अब सरकार ने एक सामान्य निर्णय लेते हुए ऐसे सभी मुकदमों को वापस लेने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि इसमें राजनैतिक गतिविधियों के चलते इन दोनों धाराओं में दर्ज मुकदमें शामिल होंगे।

बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार शाम को हुआ। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 11 विधायकों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। त्रिवेंद्र सरकार में खाली चल रहे कैबिनेट मंत्रियों के तीन रिक्त पदों को भी इस बार भरा गया है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल रहे उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को दोबारा जगह मिली है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, महिला कल्याण मंत्री रेखा आर्य (राज्य मंत्री), परिवहन मंत्री यशपाल आर्य,पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को दोबारा पारी खेलने का मौका दिया जाएगा। मंत्रिमंडल में पहली बार कुछ नए नेताओं को भी शामिल किया गया है। इनमें, डिडिहाट से बिशन सिंह चुफाल, कालाढूंगी से बंशीधर भगत, हरिद्वार ग्रामीण से यतीश्वरानंद (राज्य मंत्री) और मसूरी से गणेश जोशी ने भी शपथ ली है।

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