देहरादून। झूठा जाति प्रमाणपत्र बनवाने के आरोपों से आहत उत्तराखंड में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने निर्णय लिया है कि अब वह अपने नाम के आगे अपनी जाति लिखेंगे। इसके लिए वे जल्द ही विधानसभा अध्यक्ष को लिखित में पत्र देंगे। पत्रकारों से औपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वे 14 साल से जाति को लेकर दंश झेल रहे हैं।
लेकिन अब उन्हें इंसाफ मिला है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मामले में चार्जशीट दाखिल होने के साथ ही इस प्रकरण को जानबूझकर लटकाए रखने वाले 17 अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। शुक्रवार को रुड़की स्थित एक होटल में वार्ता करते हुए झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि मेरी जाति जो है वही रहेगी। उन्होंने कहा, आज से मैं अपने नाम के आगे जाति लगाऊंगा ताकि लोग स्पष्ट रूप से मेरे नाम के साथ यह भी जान लें कि मेरी जाति क्या है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने पर देरी करने में 17 अधिकारियों की सेवा पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि की गई है। उन्होंने कहा जिस याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर की थी, वह एक माननीय का गनर रहा है।
इससे साफ होता है कि उनके खिलाफ साजिश की गई। इस दौरान उन्होंने विधानसभा में उठाए गए बैकलॉग के मामले में मुख्यमंत्री की ओर से आश्वस्त किए जाने पर उनका आभार जताया। साथ ही बताया कि इस संबंध में सचिव राधा रतूड़ी की ओर से विभागों में एससी/एसटी और ओबीसी के रिक्त पदों को भरने के आदेश जारी कर दिए हैं।
पिछले दिनों नैनीताल में एक विधायक के साथ पपीता खरीदते हुए मारपीट की घटना मीडिया में सुर्खियां बनी थी। अंदेशा जताया जा रहा था कि झबरेड़ा विधायक के साथ ही यह मारपीट हुई थी। लेकिन शुक्रवार को विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि वे घटना के समय घटनास्थल पर थे ही नहीं। ऐसे में उनके साथ मारपीट की बात कुछ लोगों की ओर से साजिश के तहत प्रचारित कराई गई है।
जिन लोगों ने मुझे झोझा, मुस्लिम बिरादरी व अन्य बिरादरी का कहा था, वे लोग लगभग दो सप्ताह जेल की हवा खाकर आए हैं। जिन लोगों ने सहारनपुर से जाति प्रमाणपत्र बनवाने का असफल प्रयास किया था उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है।