इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने 15 ‘‘आतंकवादियों’’ को मिली मौत की सजा की रविवार को पुष्टि की। ये आतंकवादी नागरिकों की हत्या और पेशावर में साल 2016 में क्रिश्चियन कॉलोनी में आत्मघाती हमलों में शामिल थे। सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जनरल बाजवा ने 15 आतंकवादियों को मिली मौत की सजा की पुष्टि कर दी जो आतंकवाद से संबंधित जघन्य अपराधों में शामिल थे।
बयान में कहा गया है कि आतंकवादियों को सशस्त्र बलों/कानून लागू करने वाली एजेंसियों पर हमला करने, पेशावर के समीप क्रिश्चियन कॉलोनी पर हमले में शामिल आत्मघाती हमलावरों को उकसाने, शैक्षिक संस्थानों को तबाह करने तथा निर्दोष नागरिकों की हत्या के जुर्म में सजा दी गई। सितंबर 2016 में चार आत्मघाती हमलावरों ने पेशावर में क्रिश्चियन कॉलोनी में हमला कर दिया था। यह कॉलोनी सेना की छावनी के बाहर स्थित है। तालिबान के एक धड़े जमात-उर अहरार ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन के एक सदस्य इबरार ने पेशावर के समीप कॉलोनी पर हमला करने के लिए आत्मघाती हमलावरों को उकसाया और उन्हें हथियार, आत्मघाती जैकेट तथा वाहन उपलब्ध कराए। दोषियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और उन्हें मौत की सजा दी गई। बयान में कहा गया कि दोषियों की आतंकवादी गतिविधियों के कारण 34 लोगों की मौत हुई। उनके पास से हथियार तथा विस्फोटक सामग्री भी बरामद हुई। मौत की सजा के अलावा 20 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई।