ऑडिशन देने में खत्म हो जाती है जिंदगी: राम कपूर

मुंबई। टीवी और फिल्म एक्टर राम कपूर का कहना है कि एस्पायरिंग एक्टर्स के लिए आज का दौर बहुत कठिन है। इनमें से 90 फीसदी के पास कोई काम नहीं है। उनकी पूरी जिंदगी ऑडिशन देने में खत्म हो जाती है। कपूर के मुताबिक, सिर्फ दो प्रतिशत लोगों को ही इस करियर में सफलता मिल पाती है।

46 साल के राम कपूर एक इंटरव्यू में बात कर रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि उनके करियर की शुरुआत में चीजें कितनी स्मूद थीं? जवाब में वो कहते हैं, “शुरुआत के 5-8 साल तक मैं भी उन हजारों लोगों में से एक था, जो एक्टर बनने का सपना लिए घूम रहे थे। एक वक्त ऐसा भी था, जब 6 महीने तक मेरे पास कोई काम नहीं था और न ही पर्याप्त पैसे कमा पा रहा था। लेकिन मैंने परिस्थितियों को बदला और आगे बढ़ गया।”

राम कपूर की मानें तो वो पैसे से ज्यादा काम को महत्व देते हैं। वो कहते हैं, “अगर मेरा फोकस सिर्फ पैसे पर होता तो टीवी पर ही काम करता रहता। लेकिन अगर मुझे कम पैसे में रोचक काम मिलता है तो भी मैं खुशी से करूंगा।” जब राम से पूछा गया कि क्या वो फिल्मों में अपनी टीवी जैसी पॉपुलैरिटी को मिस करते हैं? तो उन्होंने कहा, “मैं सलमान खान या शाहरुख खान नहीं हूं।

लेकिन उस स्तर पर पहुंच गया हूं, जहां देशभर में मुझे अपने नाम से जाना जाता है। मेरी अपनी फैन फॉलोइंग है। फिर चाहे टीवी, फिल्म, वेब या थिएटर कुछ भी करूं। मुझे लगता है कि पॉपुलैरिटी हमेशा एक जैसी रहती है। यहां तक कि कपिल शर्मा, जो अपनी कॉमेडी के लिए जाने जाते हैं। अगर वो फिल्म, डेली सोप या वेब पर कुछ करें, तब भी वो वही रहेंगे। इसलिए मैं जो भी करूं, मेरे फैन हमेशा मुझे राम कपूर के रूप में ही जानेंगे।”

राम कपूर पर टीवी पर ‘घर एक मंदिर’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कसम से’, ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ और ‘कर ले तू भी मोहब्बत’ जैसे सीरियल्स में काम कर चुके हैं। वहीं बड़े पर्दे पर वो ‘स्टूडेंट्स ऑफ दि ईयर’, ‘मेरे डैड की मारूति’, ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’, ‘कैदी बैंड’ और ‘लवयात्री’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।

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