महाकुंभ के लिए फरवरी में करेंगे परिस्थितियों का आकलन
मुख्यमंत्री ने सोमवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि कुंभ को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ही तिथियों के निर्धारण में अहम रहती है। मार्च में स्नान होने हैं, जिसको लेकर सरकार तैयारी कर रही है। लेकिन फरवरी में दोबारा आयोजन को लेकर चर्चा की जाएगी कि उस समय कोरोना को लेकर कैसे हालात हैं। अखाड़ा परिषद हर तरह से सहयोग का आश्वसान दे चुकी है, अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहती हैं तो उसमें भी अखाड़ा परिषद पूरा सहयोग करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि मानसून को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। जिलाधिकारियों को इस संबंध में बजट दे दिया गया है। सभी संबंधित विभागों का आपसी समन्वय रहेगा। एसडीआरएफ भी इस दौरान पूरी तरह से चौकसी बरतेगी। परिस्थितियां कांवड़ यात्रा के अनुकूल नहीं |
हरिद्वार महाकुंभ को तय समय पर आयोजित करने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अखाड़ा परिषद के संत महात्माओं से इस संबंध में वार्ता हुई है। अभी सरकार तय समय पर आयोजन की तैयारी में जुटी है। फरवरी में क्या परिस्थितियां बनती हैं, उसके अनुसार उस समय कुंभ के प्रारूप को लेकर निर्णय लिया जाएगा। अगर स्थितियां सही नहीं रहती हैं तो 13 अखाड़ों के तीन-तीन लोग प्रतीकात्मक तौर पर स्नान करेंगे।
सार्वजनिक परिवहन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक परिवहन पर कोई रोक नहीं है। इसी के लिए किराया बढ़ाया गया। परिवहन निगम को अब बसें संचालित करने में घाटा नहीं होगा और यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं, जिसके कारण उसे आयोजित नहीं करने पर आम सहमति बनी है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से वार्ता कर ली गई है। उन्होंने भी कांवड़ यात्रा के आयोजन पर सहमति नहीं दी है। जल्द ही पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों से भी इस विषय में चर्चा की जाएगी।