कोरोना काबू आते ही होगी विधायकों की मुराद पूरी – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

कोरोना काबू आते ही होगी विधायकों की मुराद पूरी

उत्तराखंड में 70 सदस्यीय विधानसभा है और यहां मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं। मार्च 2017 में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में भाजपा की सरकार वजूद में आई, उस वक्त मुख्यमंत्री के अलावा मंत्रिमंडल में नौ सदस्य शामिल किए गए। पिछले साल कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश पंत के असामयिक निधन से एक और मंत्री पद खाली हो गया। यानी, अब मुख्यमंत्री तीन विधायकों को अपनी टीम में शामिल कर सकते हैं। सत्ता के गलियारों से संकेत भी यही हैं कि मंत्रिमंडल के तीनों रिक्त पद भरे जाएंगे।

त्रिवेंद्र सरकार का साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूर्ण होने से पहले ही भाजपा विधायकों की मुराद पूरी हो सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार करने की तैयारी में हैं। एक राज्य मंत्री का कद बढ़ने के साथ ही कुछ मंत्रियों के महकमों में बदलाव भी हो सकता है। संकेत हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में कुमाऊं मंडल को तरजीह मिलेगी।

मौजूदा नौ सदस्यीय मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलावा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, सुबोध उनियाल और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धनसिंह रावत, कुल छह सदस्य गढ़वाल मंडल से हैं। कुमाऊं मंडल का प्रतिनिधित्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, अरविंद पांडेय और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य कर रही हैं। इस लिहाज से माना जा रहा है कि विस्तार की स्थिति में तीनों या कम से कम दो मंत्री पद कुमाऊं के हिस्से जाएंगे।

सूत्रों के मुताबिक मौजूदा दो राज्य मंत्रियों में से एक का कद बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इस बात के भी संकेत हैं कि कुछ मंत्रियों के पोर्टफोलियो बदले जाएंगे। गौरतलब है कि मौजूदा विधानसभा में भाजपा के 57 विधायक हैं। इनमें से नौ मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं जबकि दो विधायक विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों पर हैं। एक भाजपा विधायक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। यानी फिलहाल 45 विधायक मंत्री पद पाने वालों की कतार में शामिल हैं। अब इनमें से किन तीन विधायकों को मौका मिलेगा, यह जल्द सामने आ जाएगा।

मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार तो किया ही जाना है। अगर कोविड-19 जैसी महामारी का संक्रमण नहीं होता, तो यह कदम पहले ही उठा लिया जाता। इसके लिए फरवरी में ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बात हो चुकी है। जैसे ही परिस्थितियां सामान्य होंगी, मंत्रिमंडल विस्तार कर लिया जाएगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *