मुंबई। अपने 35 साल के फिल्मी करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दे चुके अभिनेता सनी देओल का कहना है कि उनके काम करने का तरीका बिल्कुल स्वाभाविक है और वह फिल्म की कहानी पढ़ने के बजाय सुनने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं।
सनी ने कहा, “मैं बहुत सहज व्यक्ति हूं, मैं आइडिया और विचार को सुनकर जो सही लगता है वही करता हूं।” मैं इसके विस्तार से नहीं जाता और कभी फिल्म की पटकथा नहीं पढ़ता। सनी ने कहा कि अब ऐसा करना (पटकथा सुनना) चाहिए लेकिन पहले के समय में फिल्म बनाना काफी अलग था।
सनी ने कहा, “मैं सिर्फ निर्देशक का आइडिया सुनता हूं और फिर काम में लग जाता हूं। मैं हमेशा कहानीकार से मिलकर पर्दे पर दिखाए जाने वाले विषय के बारे में ही सुनता हूं।” 1983 में “बेताब” से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले सनी “घायल”, “दामिनी”, “डर” और “गदर- एक प्रेम कथा” जैसी कई शानदार फिल्मों में अभिनय के जलवे बिखेर चुके हैं।