विकासनगर। घर से पढ़ने को कहकर निकली जीवनगढ़ निवासी युवती ने अपने अपहरण की साजिश खुद रची थी। जिसके तहत उसने अपने भाई को फिरौती का मैसेज भी स्वयं ही भेजा था। दरअसल, युवती अपनी पढ़ाई को पूरा कर नौकरी करना चाहती थी, लेकिन परिवार की मनाही के चलते युवती नाराज थी। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने यह जानकारी दी है।
कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को युवती को गुड़गांव से सकुशल बरामद किया। इस दौरान युवती ने पूछताछ में बताया कि उसके परिजन उसे आगे पढ़ने व नौकरी करने से रोक रहे थे। इसलिए उसने यह कदम उठाया। बताया कि परिजनों और पुलिस को गुमराह करने के इरादे से भाई के फोन पर दस लाख रुपये की फिरौती का मैसेज भी उसी ने भेजा था।
विदित है कि जीवनगढ़ की 22 साल की युवती सोमवार को विकासनगर इंस्टीट्यूट में पढ़ने की बात कहकर घर से निकली थी। लेकिन देर सायं तक वापस न लौटने पर परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन सफलता नही मिली। इसी बीच युवती के भाई के फोन पर फिरौती का एक मैसेज भी आया, जिसमें 10 लरख रूपये का इंतजाम करने की बात कही गई थी। जिसके बाद परिजनों ने कोतवाली पुलिस को मामला बताकर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था।
कोतवाल एसएस नेगी ने युवती को सकुशल बरामद करने के लिए टीम का गठन किया था। टीम में शामिल एसएसआइ बलदेव कंडियाल, एसआइ सर्विलांस इंचार्ज प्रमोद कुमार, सिपाही गीतम सिंह, मेहराज आलम ने सर्विलांस की मदद से युवती की गुड़गांव में लोकेशन दर्ज की। पुलिस टीम ने बुधवार को गुड़गांव से युवती को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने बताया कि युवती अपने सभी शैक्षिक कागजात लेकर गुडगांव चली गयी थी। वहां उसने किराए पर कमरा भी ले लिया था। पुलिस ने युवती के बयान दर्ज कर परिजनों को सौंप दिया है। कोतवाल एसएस नेगी के अनुसार युवती आगे पढ़ना चाहती है और नौकरी करना चाहती है। परिजनों के राजी न होने पर युवती ने अपने अपहरण की कहानी गढ़ी थी।
कोतवाली अंतर्गत डाक्टरगंज से परिजनों को बिना बताए एक महिला अपने दो बच्चों को साथ लेकर कहीं चली गयी। परिजनों द्वारा काफी तलाश करने पर भी महिला और बच्चों का कुछ पता नही चल सका। जिस पर परिजनों ने बाजार चौकी में गुमशुदगी दर्ज करायी है। पुलिस ने बताया कि डाक्टरगंज की एक महिला 5 व 8 साल की दो बच्चियों को साथ लेकर घर से निकली। एसएसआइ बलदेव कंडियाल के अनुसार लापता महिला व बच्चों की तलाश की जा रही है।